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कं. १,४-१०,२,१-१२]. उझाकण्डं-तेवीसमो संधि [१५. तो कवणु गहणु अम्हारिॐहिँ वायरण-विहूणेहिँ आरिसेंहिँ ॥४ कइ अत्थि अणेय भेय-भैरिय जे सुयण-सहासेंहिँ आयरिय ॥ ५ चक्कलऍहिँ कुलऍहिँ खन्धऍहिँ पवणु अं-रासालुद्धऍहिँ ॥ ६ मञ्जरिय-विलासिणि-णकुडहिँ सुह-छन्दैहिँ सदेंहिँ खडहडेंहिँ ॥ ७ हउँ किं पि ण जाणमि मुक्खु मणे णिय वुद्धि पयाँसमि तो वि जण ॥८ । जं सयले वि तिहुवणे वित्थरिउँ आरम्भिउ पुणु राहवचरिउ ॥ ९
॥ घत्ता ॥ भरहों वद्धऍ पढ़ें तो णिबूढ-महाहँउ । पट्टणु उज्ज्ञ मुएवि गउ वणं-वासहाँ राहउ ॥ १०
[२] जं परिवर्द्ध पट्ट परिओसें जय-मङ्गल-जय-तूर-णिधोसें ॥१ दसरह-चरण-जुयलु जयकारेंवि दाइय-भच्छरु मणे अवहारेंवि ॥ २ सम्पय रिद्धि विद्धि अवगणेवि तायहाँ तणउ सच्च परिमण्णेवि ॥३ णिग्गउ वलु वलु णाइँ हरेप्पिणु लक्खणो वि लक्खण िलएप्पिणु ॥४ संचल्लेहिँ तेहिँ विद्दार्णउ ठिंडे हेट्ठामुहु दसरहु राणउ ॥ ५. 5 हियवएँ णाइँ तिसूलें सल्लिउ 'राहउ किह वण-वासहाँ घल्लिउ ॥६ धिगधिगत्थु' जणएण पवोल्लिउ 'लविउ कुल-कमु वि सुमहल्लउ ॥ ७ अहवइ जइ मइँ सन्चु ण पालिउ तो णिय-णामु गोत्तु मइँ मइलिउ ॥ ८ वरि गउ रामु ण सच्च विणासिउ सच्च महन्तउ सबहाँ पासिङ ॥९ सँच्चे अम्वरें तवइ दिवायरु सच्चे समउ ण चुक्कइ सायरु ॥ १० 20 सच्चे वाउ वाइ महि पञ्चइ सच्चे ओसहि खयहाँ ण वच्चइ ॥ ११
॥ घत्ता ॥ जो ण वि पालइ सच्च मुहें दाढियउ वहन्तउ । णिवडइ णरय-समुद्दे वसु म अलिउ चवन्तउ' ॥ १२
10s A भरिया. 11s A आयरिया. 12 PS पवण अ.. 13 PS जाणउ. 14 PS पयासिय. 15 A वित्थरियउ, 16 P °महाहवु, 5 °महादुह. 17 P उज्झु, A अवक्ष.
2. 1s मंगलु. 2 P णिग्बोसें. 3 A तगउं. 4 P परिपपणे दि. 5 PS संचलिएहिं. 6s सुयहि. 7 P A विदाणउं. 8 PA राणउं. 9 Ps °णाउ.10 A महु. 11 P पासि उं. 12 PS सच्चइ. 13 P बुच्चइ, s चुक इ. 14 PS वि ण. 15 A जिम.
१२ रासालुब्धकैः, ३ समर्थः. [२] १ निराकृल. २ वचनं चाङ्गीकृत्य. ३ साहसं कृत्वा, नरस्य बलं चतुरङ्ग-बलं वा अपहृत्य. ४ नगरस्य उक्षणानि हृतानीव. ५ अधोमुखं कृत्वा.
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