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क०५,९६, १-८,७,१-4]
उज्झाकण्ड-बावीसमो संधि [१
॥ घत्ता॥ पत्तु 'वियष्ट-पुरु तं णिऍवि जाउ जाईसरु। 'अण्णहिँ भव-गहणे हउँ होन्तु एत्थु रंजेसरु' ॥९
[६] मुच्छाविउ तं पेक्वेवि पएसुं. संभरवि भवन्तरु णिरवसेसु ॥१ सम्भावें पभणि तेण ताउ 'कुण्डलमण्डिउ णामेण राउ ॥२ हउँ होन्तु एत्थु अखलिय-मरटु पिङ्गलु णामेण कुवेर-भट्ट ॥३ सेंसिके.दुहिय अवहरेंवि आउ परिवसइ कुडीरऍ किर बराउ ॥ ४ उद्दालिउ मई तहाँ तं कलत्तु सों वि मरवि सुरत्तणु कहि मि पतु ॥५ मुउ हउँ मि विदेहहें देहें आउं णिउ देवें जाणइ-जमल-जाउ ॥६ ॥ वणे घत्तिउँ कण्टेण वि ण भिण्णु पुप्फवइहें पइँ सायरण दिण्णु ॥७
॥ घत्ता ।। - वैद्धिउ तुम्ह घरें जणु सयलु वि" ऍउ परियाणइ । जणउ जणेरु महु मायरि विदेह सस जाणइ' ॥८
[७] वित्तन्तु कहेप्पिणु णिरवसेसु गउ वन्दणहत्तिएँ तं पएसु ॥१ जहिँ वसइ महारिसि सच्चभूइ जहिँ जिणवर-ण्हवण-महाविभूई ॥२ वइरग्ग-कालु जहिँ दसरहासु जहिं सीय-राम-लकखण-विलासु ॥ ३ सत्तुहण-भरह जहिँ मिलिय वे वि गट तहिँ भामण्डलु जणणु लेवि ॥४ जिणु वन्दिउ मोक्ख-वलग्ग-जङ्घ पुणु गुरु-परिवाडिएँ सवण-सङ्घ ॥ ५ ॥ पुणु किउ संभासणु समउ तेहिँ सत्तहण-भरह-वल-लक्खणेहिँ॥६ जाणाविउँ सीयहें भाइ जेम जिह हरि-वल-साला साबलेव ॥ ७ सुउ परम-धम्मु सुह-भायणेण तवचरणु लयउ चन्दायणेण ॥८
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9PS A हउ.
6. 1s पणविउ, A पणिउं. 2 P ससकेउ, A भायरिय. 3 PS तहो मइ. 4 PS विदेहिहे. 5 A जाउ. 6 A जमलु. 7A वित्तउ. 8 P S A पइ. 9 PS वडिउ. 10 P s missing. 11 P परिआणइ, S A परियाणई.
7. 15 °विभूई, A विहूइ. 2 P पडिवाडिए. 3 Pसमण', 4 P$ जाणाषिय. 5 PS
सुय
३ विदग्धनगरम्. ४ कुण्डलमण्डितनामा:
-[६] १ कुवेराख्य-ब्राह्मणोपाध्यायः. २ चन्द्रध्वज-राज्ञः पुत्री चित्रोत्सवा नाम्ना. ३ तृणगृहे ४ अहं मृत्वाऽपि. ५ भो चन्द्रगति पिता. ६ भगिनी सीता. • [७] १ अयोध्यायाम्. २ चन्द्रगति-विद्याधरेण.
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