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क० १२, ४-९, १३, -९, १४, १-२] उज्झाकण्डं-एकवीसमो संधि [७. किं भामण्डलेण किं रामें . ताइँ चडावइ जो आयामें ॥ ४ परिणउ सो ज्जे कण्ण ऍउ पभणिउ' तं जि पाणु करेंवि पहु भणियउ ॥५ गय स-सरासणु मिहिला-पुरवर वद्ध मञ्च आढत्तु सयम्वरु ॥६ मिलिय जराहिव जे जगें जाणिय सयल वि 'धणु-पयाव-अवमाणिय ॥७ को वि णाहिँ जो.ताइँ चडावइ जक्ख-सहांसहुँ मुहु दरिसावइ ॥ ८
॥ पत्ता ॥ जाम ण गुणहिँ चडन्ताइँ अहिर्जायइँ कउँ सुह-दंसण.। अवसें जणहाँ अणिट्ठाइँ कुकलत्तइँ जेम सरासण. ॥ ९
[१३] जंणरवइ असेस अवमाणिय दसरह-तणय चयारि वि आणिय ॥ १ ॥ हरि-वलएष पदक्किय तेत्तहें सीय-सयम्वर-मण्डउ जेत्तहें ॥२ दूर-णिवारिय-णरवर-लक्खेंहिँ धणुहराइँ अल्लवियइँ जक्खेंहिँ ॥३ 'अप्पण-अप्पणाइँ सु-पमाणइँ णिवाडेवि लेहु वर-चावइँ॥४ लइयइँ सायर-वजावत्त गामहणा इव गुणहिँ चडन्तइँ ॥ ५ मेलिउ कुसुम-वासु सुर-सत्थें । परिणिय जणय-तणय काकुत्थें ॥ ६ ॥ जे जे मिलिय सयंम्बर राणा णिय-णिय-णयरहों गय विदाणा ॥७ दिवसु वारु णक्खत्तु गणेप्पिणु लग्गु जोग्णु गह-दुत्थु णिएप्पिणु ॥ ८
॥ घत्ता ॥ जोइसिऍहिँ आएसु किउ 'जउ लक्खण-रामहुँ स-रहसहुँ । आयहें कैण्णहें कारणेण होसइ विणासु वहु-रक्खसहुँ' ॥९ ३०
[१४] 'ससिवद्धणेण ससि-वयणियउ कुवलय-दल-दीहर-णयणियंउ ॥१ कल-कोइल-वीणा-वाणियउ अट्ठारह कण्णउ आणियंउ ॥ २ 2 Ps पवाणु. 3 A संसरालण. 4 P °सहासई, s °सहासहिं. 5 R S गुणई. 6 P अहिजायए, S अहिजायइ. 7 S कौ. 8 A जणे अविसिहाई. . 13. 1 P दसहर. 2 A सुपणामइं. 3 A मागहणा. 4 PS गुणहि, s गुणेहि. 5 P S A चडन्तइ. 6 PS सयंवर. '7 P लग्ग. 8 s missing. 9 P रामहो, A रामहं. 10 P कण्णहें, A कण्णहिं. 11 PS दीसइ. __14. 1 P°वयमियाउ, s°वयणेआउ, A वयणिनाउं. 2 Ps °णय पियाउ, A °णयणियड़, 3 P S °वाणियाउ, A °वाणियउं. 4 P S आणियाउ, A आगियउं.
[१२] १ धनुषः प्रतापेन. २ शुद्धजीत्या. . [१३] १ समर्पितो. २ रामेण. • [१४] १ शशिवर्धन-नामेन.
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