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६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ [क० १०,४११,११, १-९, १२, १-३ तहों सुउ जणउ तेत्थु मइँ दिट्ठउ कण्णा-रयणु तिलोय-वरिटुंउ ॥४ तं जइ होइ कुमारहों आयहाँ तो सिय हरइ पुरन्दर-रायो' ॥ ५ तं णिसुणेवि विजाहर-णाहें पेसिउ चवलवेउ असगाहें ॥ ६ 'जीहि 'विदेहा-दइउ हरेवउ मइँ विवाह-संवन्धु करेवउ' ॥ ७ गउ सो चन्दगइहें मुहु जोऍवि मन्दुर ढुक्कु तुरङ्गमु होऍवि ॥८ "कोड्डे चडिउ णराहिउ जाहिँ दाहिण सेढि पराइउ ताहिँ ॥९ मिहिला-णाहु मुएप्पिणु जिणं-हरें चवलवेउ पइसइ पुरे मणहरें ॥ १०
॥घत्ता ॥ आणिउ जणय-णराहिवइ णिय-णाहहाँ अक्खिउ स-रहसण । वन्दणहत्तिएँ सो वि गउ सहुँ पुत्ते विरह-परबसेंण ॥ ११
विजाहर-णर-णयणाणन्देहिं किउ संभासणु विहि मि णरिन्देहि ॥ १ पभणइ चन्दगमणु तोसिय-मणु 'विण्णि वि किण्ण करहुँ सयणत्तणु ॥ २
दुहिय तुहारी पुत्तु महारउ होउँ विवाहु मणोरह-गारउ' ॥३ 15 अमरिमु णवर पर्वद्धिउ जणयहाँ 'दिण्ण कण्ण मइँ दसरह-तणयहाँ ॥४
रामाँ जयसिरि-रामासत्तहाँ संवर-वरूहिणि-चूरिय-गत्तों ॥५ तहिँ अवसरे वद्धिय-अहिमाणे वुत्तु णरिन्दु चन्दप॑त्थाणें ॥६ 'कहिँ विज्जाहरु कहिँ भूगोयरु — गय-मर्सयहुँ वड्डारउ अन्तरु ॥ ७ माणुस-खेत्तु जें ताम कैणिट्ठउ जीविउ तहिँ कहिँ तणंउ विसिट्ठउ' ॥८
॥ धत्ता ॥ भणइ णराहिउ 'केत्तिऍण जगे माणुस-खेत्तु में अग्गलउ ।. जसु पासिउ तित्थङ्करहिँ सिद्धत्तणु लद्धउ केवलउ' ॥९
- [१२] तं णिसुणेवि भामण्डल-व बुच्चइ विजा-वल-माहप्पें ॥१ 1 'पगुण-गुणइँ अइ-दुजय-भाव' पुरे अच्छन्ति एत्थु वे चावइँ ॥२ बज्जावत्त-समुद्दावत्तई
जक्खारक्खिय-रक्खिय-गत्तइँ ॥३ 4 A विसिट्ठउ. 5 P जाहे, S जाह. 6 P विवाहु. 7 PS मंदिरु. 8A दुकं. 9 s कोडेहि. 10 P 3 जिणघरे. 11 s आइण्णिउ.
11. 1 P A करहु, S करहो. 2 2 होइ. 3 Ps पवडिय. 4 PS वडिय. 5 Pणरिंद. 6 P°पथाणे, s पंथाणे. 7 A विजाहर. 8 PS °मसयहिँ. 9 P S तणउं. 10 PS कित्तिएण. ___ 12. 1 P °उज्जुय. .
[१०] १ जनकः, • [११] १ भिल्लसेमा. २ चन्द्रगतिना. ३ अतीव लघुः, तुच्छः.
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