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२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० २,३-१०३, १-९, ४, १-२ जहिँ जलु चन्दकन्ति-णिज्झस्ऎहिँ सुप्पइ पडिय-पुष्फ-पत्थरणेंहिँ ॥ ३ जहिँ णेउर-झङ्कारिय-चलणेहिँ रम्मइ अच्चण-पुप्फ-क्खलणेहिँ ॥ ४ जहिँ पासाय-सिहरे 'णिहसिजइ तेण मियङ्क वङ्कु किसु किन्जइ ॥५ तहिँ सुहमइ-णामेण पहाणउ णं सुरपुरहों पुरन्दरु राणउ ॥ ६ पिहुसिरि तहाँ महएवि मणोहर सुरकरि-कर कुम्भयल-पओहर ॥७ णन्दणु ताहें दोणु उप्पजइ - केकय तणय काइँ वणिजइ ॥ ८ सयल-कला-कलाव-संर्पण्णी णं पच्चक्ख लच्छी अवइण्णी ॥९
॥ पत्ता॥ तो सयम्वरें मिलिय वर हरिवाहण-हेमप्पह-पमुह । 10. णाइँ समुद्द-महासिरिहें थिय जलवाहिणि-पवाह समुह ॥ १०
तो करेणु आरुहेवि विणिग्गय । णं पञ्चक्ख महासिरि-देवय ॥ १ । पेक्खन्तहँ णरवर-संघायहुँ भूगोयर-विजाहर-रायहुँ ॥२ त्ति माल देससन्दण-णामों ___ मणहर-गइऍ रइऍ णं कामहों ॥ ३ 15 तहिँ अवसर विरुद्ध हरिवाहणु धाइउ 'लेहु' भणन्तु स-साहणु ॥४ 'वरु आहणहों कण्ण उद्दालहों रयण. जेम तेम महिपालहों ॥५ सुहमइ रहु-सुएण विण्णप्पइ 'धीरउ होहि माम को चप्पइ ॥६ मई जियन्ते अणरण्णहाँ णन्दणे' एउ भणेवि परिद्विउ सन्दणें ॥७ केकइ धुरैहिँ करेपिणु सारहि तहिँ पयट्टु जहिँ सयल महारहि ॥८
॥ घत्ता॥ तो वोल्लिजइ दसरहेंण 'दूरयर-णिवारिय-रेवियर.। रहु वाहेवि तहिँ णेहि पियएँ धय-छत्तइँ जेत्थु णिरन्तरइँ' ॥ ९
[४] तं णिसुणेवि परिओसिय-जणएं वाहिउ रहवर पिहुसिरि-तणएं ॥१ 23 तेण वि सरहिँ परजिउ साहणु भग्गु स-हेमप्पहु हरिवाहणु ॥२ 4 P जह. 5A णिवसिजइ. 6 P किमु. 7A उप्पण्णी. 8 P 'महारिसिहे.
3. 1 PS यहु, A रायह. 2 P 'रइए गइए, S 'रइय गइय, A °गइ रइए. 3A अवरु. 4 PS महिवालहो. 5 PS धुरहं. 6 P S A वाहि वि. 7 s तं. 8 s missing.
[२] १ घjते. २ केकर्यायाः ( कैकय्याः ). [३] १ हस्तिनी. २ दशरथस्य. ३ सुसरौ इति लोके प्र[ सिद्धः]. ४ दशरथेन. ५ खतेजसा रविमयूखा निवारिता येन. . [४] १ केकया ( कैकय्या). २ दशरथेन.
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