SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 42
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कइराय-सयम्भुएव किउ प उम चरि उ बीअं उज्झाकण्डं [२१. एकवीसमो संधि ]. . सायरवुद्धि विहीसणेण परिपुच्छिउ 'जयसिरि-माणणहों।। कहें केत्तडउ कालु अचल जंउ जीविउ रजु दसाणणहों' ॥ [१] पभणइ सायरवुद्धि भडारउ कुसुमाउह-सर-पसर-णिवारउ ॥१ 'सुणु अक्खमि रहुवंसु पहाणउ दसरहु अत्थि अउज्झहें राणउ ॥ २ तासु पुत्त होसन्ति धुरन्धर वासुएव-वलएव धणुद्धर ॥ ३ . तेहिँ हणेवउ रक्खु महारणें . जणय-णराहिव-तणयहें कारणें ॥४ तो सहसत्ति पलित्तु विहीसणु णं घय-घडऍहिँ सित्तु हुआसणु ।। ५ 'जाम ण लङ्का-वल्लरि सुक्का जाम ण मरणु दसासणे ढकइ ॥ ६ तोडमि ताम ताहुँ भय-भीसइँ दसरह-जणय-णराहिव-सीसइँ' ॥७ तो तं वयणु सुणेवि कलियारउ वद्धावणहँ पधाइउ णारउ ॥ ८ 'अजु, विहीसणु उप्परि एसइ तुम्हहँ विहि मि सिरइँ तोडेसई' ॥९ ॥ घत्ता ॥ दसरह-जणय विणीसरिय लेप्पमउ थवेप्पिणु अप्पणउ । 'णियइँ सिरई विजाहरेंहिँ परियणहों करेप्पिणु चप्पणउ ॥ १० [२] 20 दसरह-जणय वे वि गय तेत्तहे पुरवरु कउतुकमङ्गलु जेत्तहूँ ॥१ जेम्मइ जेत्थु अमग्गिय-लद्धउ सूरकन्त-मणि-हुयवह-रद्धउ ॥२ 1. 1 Ps परिपुच्छिय. 2 P जाउ. 3 PS A पहाणउं. 4 PS A राणउं. 5 P पुत्त. 6 PPTणयहो, 'तणयह. 7 P दसासहो, 8 देसासहे. 8 PS ताई. 9A तं वइयरु. 10 A पराइउ..11 A वे वि गय. • 12 P S A अप्पणउं. 13 5 परियणहं. .2: 1 सेत्तहिं. 2 P जेमइ, A जिम्मइ. 3 A तिस्थु. • १ भट्टारकः. २ नीतानि. स० प० च० १ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy