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२७८ ] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
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भइँ सु-याइँ एयों रेण चरियाइँ
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तं णिसुणेवि ति - कण्ण-सहाएं 'अणु जइ वि पुरन्दरु आवइ वेणि महारिसि पडिमा - जोएं अत अच्चासणउ ताम हुआसणेण संदीविउ " धगधगधगधगन्त- धूमन्तऍ अवसरें हवन्तें छाऍवि सो दावा समिर जावेंहिँ
• तहिँ कंण्णाऍ समाणु अणु लङ्कहें मु
दहिमुह-वयणु सुर्णेवि गजोलिउ 'णिसुर्णे भडारा हयले जन्तें पुणु वजाउहु णरवर - केसरि गरुव-संणेहें दिन विही सणु कडुवालाव-कालें अवणीयहँ णन्दण-वणु मि भग्गु हउ अक्खर एण वि वन्धावि अप्पाणउ
वरि विरुद्धे कह विण घाइउ
[१] १ अत्यासन्नः २ संप्राप्तः, [१२] १ दधिमुखस्य पृथुमति-मंत्री.
[ क० १०, ११, ११, १–९, १३, १-८
॥ घत्ता ॥
गय- जूहइँ दिसंहिँ पणट्ठइँ । एत्तिय इँ देव मइँ दिइँ' ॥ ११ [११]
पुणु पोमाइड दहिमुह-राएं ॥ १ यों तउ चरिउ को पावइ ॥ २ अट्ठ दिवस थिय यिय-णिओएं ॥ ३ महु धीयउ इमाउ ति - कण्णउ ॥ ४ वणु चाउद्दिसु जालालीविउ ॥ ५ छुड छुडु गुरुहुँ पासें ढुक्कन्तऍ ॥ ६ माया पाउसु हें उप्पाऍवि ॥ ७ मित्थु पाइउ तावेंहिं ॥ ८
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॥ घत्ता ॥
मइँ तुम्हहुँ पासें विसज्जेंवि । उ सीहु जेम गलगजैवि' ॥ [१२]
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10 Ps दिसिहि. 11 A रणे चडियाइं .
11. 1 PA तणउं, 2 P चरिउं 3 Ps पडिम 4Ps अण्णेवें वहाँ. 5 A अश्वासण्णउं: 6 Ps चउदिषु पुणुं 7PS थाएवि 8Ps वइसाणरु. 9PS तिहि कण्णेहिं (s° हि ). 10 P सम्मुहु, तेण, A समुहुं.
12. 1ps पहुवइ 2P SA °सणेहिं. 3 P अविणीयहु, S अविणीयहो. 4 PS जुज्झंतु. 5 A अप्पॉणउं. 6 PS उवसममि, 4 उवसमई 7PS दसाणणु. 8 PA राणउं. 9PS णवर, A नवरि. 10 SA आयउ.
'पिहुमेइ हणुवहों मन्ति पवोलिउ ॥ १ पढमासाली हय हणुवन्तें ॥ २ कलहॅवि परिणिय लङ्कासुन्दरि ॥ ३ तेण समाणु करेंवि संभासणु ॥ ४ अन्तरें थिउ मन्दोअरि सीयहुँ ॥ ५ इन्दइ किउ पहरन्तु विलक्खउ ॥ ६ किर उसमें दसाणण-राउ ॥ ७ तहों घर - सिहरु दलेपिणु आइउ' ॥ ८
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