SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 299
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८] सयम्भुकिउ पउमचरित [क०४, 1-10,५, [४] पच्छऍ 'मेहवाहणो . गहिय-पहरणो णिग्गओ तुरन्तो। णं जुअ-खऍ सणिच्छरो भरिय-मच्छरो अहर-विप्फुरन्तो ॥ सो वि पधाइउ रहवरें चडियउ णं केसरि-किस्बेरु णिवडियउ॥२ । संचलन्तऍ तोयदवाहणे तूरइँ हयइँ असेस वि सम्हणे ॥३ सण्णज्झन्ति के वि रयणीयर वर-तोणीर-वाण-धणुवर-कर ॥४ के वि तिक्ख-खग्गुक्खय-हत्था के वि गुरुहाँ ओणामिय-मत्था ॥५ के वि चडिय हिंसन्त-तुरङ्गेहिँ के वि रसन्त-मत्त-मायनेंहि ॥६ के वि रहेंहिं के वि सिविया-जाणेहिँ के वि परिद्विय पवर-विमाणेहिँ ॥७ ॥ आउच्छन्ति के वि णिय-कन्तउ को वि णिवारिउ रणे पइसन्तउ ॥ ८ केण वि णिय-कलत्तु णिन्भच्छिउ 'एक्कु सु-सामि-कज्जु पइँ इच्छिउ' ॥६ ॥ घत्ता ॥ अग्गएँ इन्दइ पच्छऍ रयणीयर-साहणु।. वीया-यन्दों अणुलग्गु णाइँ तारायणु ॥ १० पुच्छिउ णियय-सारही 'अहों महारही दिइँ जाइँ जाई। कहि केत्तियइँ अत्थई रंणहाँ सत्थई रहें चडावियाई ॥१ तो एत्थन्तर पभणइ सारहि 'अत्थई अत्थि देव छुड़े पहरहि ॥२ चक्कइँ पञ्च सत्त वर-चाव दस असिवर अणिट्ठिय-गावइँ ॥३ " वारह झस पण्णारह मोग्गर सोलह लउडि-दण्ड रणे दुद्धर ॥ ४ वीस परसु चउवीस तिसूलइँ कोन्तई तीस सत्त-पडिकूलइँ॥५ घण पणतीस चाल वसुणन्दा वावश्चास तिक्ख अद्धन्दा ॥६ सेल्लइँ सट्टि खुरुप्पइँ सत्तरि अण्णु"वि कणय चडिय चउहत्तरि ॥७ असी विसत्तिउ णवइ मुसुण्ढिउ जाउ दिवें दिवें रण-रेस यड्डिउ ॥८ " सउ णारायहुँ जं परिमाणमि अण्णहँ पुणु परिमाणु ण जाणमि ॥ ९ 4. 1 Ps read दुवई in the beginning. 2 Ps°खय'. 3 A. omits this Pada. 4 P St. गुरुहु. 5 P S °इंदहो. 6 P भणुलग्गा, 8 अणुलग्ग. 5. 1 Ps read दुवई in the beginning. 2 5 दिट्टइ. 3 A. onits this Pada.4 P.सत्थइ, समत्थइ. 5 P रहिहे चडाविभई, s रहिहि षडावियइ. 6 PS जइ. 7PS 'चाया, चावइ. 8 Ps फरसु. 9 P चाउ. 10 P चालपंचासेंतीस; P. marginally notes the reading here accepted. 11 P 8 अद्धंदा, A अद्धदा. 12 P अण्णइ, 3 अण्णइ. 13 P s मुसंढिउ. 14 P A रसि. 15 A परियाणमि. 16 PS अण्णहि. [४] १ घनवाहनः ५] १ अनस्थित (1) गर्वेण, २ फारका. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy