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३१-१०; १४, १-१] सुन्दरकण्डं-एकवण्णासमो संधि [२४७
[१३] ॥दुवई। जउजउ पवणपुत्तु परिसक्का तउ तउ वेलु ण थकई।
कुंद्धऍ णियय-कन्ते सुकलत्तु व णउ णासइ ण ढुक्कई ॥ १ सु-कलत्तु जैम अड्डड्डु जाइ सु-कलत्तु जेम भिउँडिहिँ ण थाई ॥२ सु-कलत्तु जेम विवरिउ ण होइ सु-कलत्तु जेम वयणु वि ण जोइ ॥ ३ । सु-कलत्तु जेम दूंरिउ मणेण सु-कलत्तु जेम दुकइ खणेण ॥४ सु-कलत्तु जेम ओसारु देइ . सु-कलत्तु जेम करयल धुणेइ ॥५ सु-कलत्तु जेम ल्हिक्कन्तु जाइ सु-कलत्तु जेम पासेउ लेइ ॥ ६ सु-कलतु जेम रोसेण वलइ सु-कलत्तु जेम सम्पत्तु खलई ॥ ७ सु-कलत्तु जेम संकुइय-वयणु सु-कलत्तु जेम मउँलन्त-णयणु ॥ ८ ॥ सु-कलत्तु जेम किय वङ्क-भमुंह सु-कलत्तु जेम धावन्तु संमुहु ॥९
॥ घत्ता ॥ रोक्कइ कोका ढक्कइ वि वेढइ वलइ धाइ परिपेल्लइ। हणुवहाँ वलु सु-कलत्तु जिह पिट्टिजन्तु वि मग्गु ण मेल्लइ ॥ १०
[१४] ॥दुवई। हुलि-हल-मुसल-सूल-सर-सबल-पेट्टिस-फलिह-कोन्तेहि । . गव-मोग्गर-मुसुण्डि-झसं-कोन्तेंहिँ सूलेंहिँ परसु-चक्केंहिँ ॥१ हउ परण-पुत्तु
रणे उत्थरन्तु ॥२ तेण वि चलेण
दिढ-मुअ-वलेण ॥३ णि लिउ सिमिरु
चमरेण चमरु ॥४ छत्तेण छत्तु
कोन्तेण कोन्तु ॥५ खग्गेण खग्गु
धउ धऍण भग्गु ॥६ चिन्षेण चिन्धु
सरु सरण विद्धु ॥७ रहु रहवरेण
गउ गयवरेण ॥८ हउ हयवरेण
णरु णरवरेण ॥ ९ 13. 1 A भजइ वलु वि ण. 2 Ps कुटुं, A कुद्धइ. 3 Ps सिउडेहे, A भिउडिहि. 4 A ठाइ. 5 P वयणई, 8 वयणइ. 6 PS जूरिउ. 7 P S रोसें वलेइ. 8 After 7. line . Ps read the following extra Pada: सुकलत्तु जेम संमुहउँ (s संम्मुहउ) वलइ. 9 PS मउलंतु. 10 P भउह, s भउहु, A °भमुहूं. 11 P A समुहुँ, s संमुहु. 12 P फिटिजंतु. 13 PS पासु.
14. 1rs 'पट्टास. 2 P कोतिहिं, s कोतिहि, A कौंतहिं. 3 Ps 'मुसंढि , A "मुरमुसुढि', 4 P झससरेहि सुपरसु, झसकोंतिहि सरेहि सुपरसु, A झसकोते हिं.. 5 P.s . णिहलिय. 6 P विधु, चिंधु.
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