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*२४६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क०११,४-1881081-16 सीह व संकुद्ध
रिउ-जय-सिरी-लुद्ध ॥४ पजलिय-मणि-मउड
विप्फुरिय-उर्दुउड ॥ ५ . णिड्डरिय-णयण-जुअ
कण्टइय-पवर-भुअ॥६ भू-भङ्गुरा-भाल
उग्गिण्ण-करवाल ॥ ७ . हत्थि व संखुहिय ,
सूर ब वहु-उइय ॥ ८ . जलहि व उत्थल्ल
सेल व संचल्ल ॥९ दणु-देह-दारण
गहियाइ.पहरण॥१० अण्णेण हुलि -हूलु
अण्णेण झस-सूलुं ॥ ११ अण्णेण गय-दण्डु
अण्णेण कोवण्डु ॥ १२ 0 अण्णेण सर-जालु
अण्णेण करवालु ॥ १३
॥ घत्ता ॥ एव दसाणण-किङ्करहुँ वलु सण्णहेवि सयलु संचल्लिउ । पलय-काले णं उवहि-जलु णिय-मजाय मुअन्तुत्थलिउ ॥ १४
[१२] 15 ॥दुवई। खोहिउ सायरो व लङ्का-फयरी जाया समाउला।
रहवर-गयवरोह-जम्पाण-विमाण-तुरङ्ग-सङ्कला ॥१ वल्लु कहि मि ण माइउ णीसरन्तु संचल्लु पैओलिय दरमलन्तु ॥ २ धय-चवलं-महद्धय-थरहरन्तु पडु-पडह-संव-मद्दलरसन्तु ॥३ विण खेवें पहरण-वर-करेहिँ वण वेढिउ रावण-किङ्करेहिं ॥४. 20 णं तारा-मण्डलु णव-घणेहिँ णं तिहुअणु तिहि मि पहञ्जणेहिँ ॥५ तिह वेढेंवि रहवर-गयवरेहिँ पच्चारिउ मारुइ णरवरेहिँ ॥ ६ . 'पायारु पलोट्टिउ जिह विसालु ___वजाउहु हउ रणे कोट्टवालु ॥ ७ वण-पाल वहिय वणु भग्गु जेम खल खुद्द पिसुण मरु पहरु तेम' ॥८
ते णिसुणेवि धाइउ पवण-जाउ कम्पिल्ल-पवर-पायव-सहाउ ॥९ 25 .
॥ घत्ता ॥ पढम-भिडन्तें मारुइण रिउ-साहणु वैहु-भाय-समारिउ ।
णं सीहेण विरुद्धऍण मयगल-जूहु दिसहिँ ओसारिउ ॥ १० 5 PS सीहा व. 6 PS उद्ध. 7 P संहिइय, संकुइय. 8 P हलहूल्ल, S हलहूल. 9 Ps °सूल. 10 जलु. 11 A हलु मुसलु.
12. 1 PS खोहिय. 2 P s लंकाउरि जाया सयसमाउला with the gloss in P सम्यगाकुला प्रजाः. 3 PS पोली. 4 PS धुयधवल'. 5A एउ पडहसद्द. 6 PS A वेढिवि. 7A वणमाल. 8 PS विरुद्धण. 9 P ओसारिलं, ओसारिओ, A उसारिउ.
[१२] १ बहुभागं कृत्वा.
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