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क.९,१-२०११०१-१०,११,१-३] सुन्दरकण्डं-एक्कवण्णासमो संधि [२४५ णिञ्चिन्त अच्छहि काई देव वणु भग्गु कु-मुणिवर-हियर्ड जेवं ॥ ६ एकेण णरेण विरुद्धएण पहरन्तें अमरिस-कुद्धएण ॥ ७ उप्पा.वि तरल-तमाल-ताल चेयारि वि हय उज्जाण-पाल' ॥८ तहि अवसर आयऽण्णेकु वत्त वजाउहु आसाली समत्त ॥ ९
॥ घत्ता ॥ तं णिसुणेप्पिणु दहवयणु कुविउ दवग्गि व सित्तु घिएण। 'को जम-राएं संम्भरिउ• उववणु भग्गु महारउ जेण' ॥ १०
[१०] ॥दुवई। तं णिसुणेवि वयणु मन्दोयरि पिसुणइ णिसियरिन्दहो ।
'किण्ण कयावि देव पइँ वुग्झिउ धीया-सुउ महिन्दहों ॥ १ ॥ जसु तणिय जणणि पवणञ्जएण वारह वरिसइँ परिचत्तएण ॥ २ पच्छण्ण-गब्भ-सम्भूई सुर्णेवि केउमंइऍ दुचारित्तु मुणेवि ॥ ३ कुलहरहों विसज्जिय ण गय तहि मि वणवासें पसूइय गम्पि कहि मि ॥४ विजाहरेंहिँ चउदिसु गविट्ठ . गिरि-कुहरब्भन्तर णवर दिट्ठ ॥५ . किउ हणुरुह-दीवन्तर णिवासु हणुवन्तु पगासिउ णामु तासु ॥ ६ ॥ परिणाविउ पइँ वि अणङ्गकुसुम कङ्केल्लि-लय व उभिण्ण-कुसुम ॥ ७ इयं उवयारहँ एकु वि णं णाउ अण्णु वि वइरिहिँ पाइक्कु जाउ ॥ ८ "जं आइउँ अङ्गुत्थलउ लेवि महु उद्विउ गलगजिउ करेवि' ॥९
॥घत्ता ॥ .एकु वि उववणे दरमलिएँ दहमुंह-हुअवहु झत्ति पलित्तउ । अण्णु वि पुणु मन्दोयरिऍ लेवि पलाल-भारु णं पित्तउ ॥ १०
[११] ॥दुवई॥ त णिसुंणेवि वयणु दहवयणे पवराणत्त किङ्करा ।
____ अक्क-मियङ्क-सक्क-वर-विक्कम पहरण-कर-भयङ्करा ॥ १ तो वर पणवेवि
आएसु मग्गेवि ॥२ पाइक सण्णद्ध
दि-परिकरावद्ध ॥३
3 P A णिचंतउ. 4 P हिमऊं. 5A जेम. 6 P S संभरियउ.
10. 1 P 8 पिसुणिउ, A पिसुणई. 2 PS परिचत्तणेण. 3 A संभव. 4 P 'किउमइयए corrected as केउ and glossed as सासू, किउ मायए. 5 P कहि मि, s कहेमि. 6 PS हणुरुहु..7 P गाउँ, s णाउ. 8 P S पइ जि. 9 A मणाउ: 10 Pई, s इ. 11'A जे. 12 PS मायउ. 13 P S उववणु. 14 PS दहमुहु.
11. 1 राणत', 2 A 'रण'. 3 Pणवरि. 4 P S. दढ°.
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