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________________ २४८] सयम्भुकिउ पउमचरिउ [क०५४, १-२३११५, हत्थेण अण्णु पाएण अण्णु ॥१० पण्हियएँ अण्णु जण्हुयऍ अण्णु ॥ ११ दिट्ठीऍ अण्णु मुट्ठीएँ अण्णु ॥ १२ उरसा वि अण्णु सिरसा वि अण्नु ॥ १३ । तालेणं अण्णु तरलेण अण्णु ॥ १४ सालेण अण्णु सरलेण अण्णु ॥ १५ चन्दüण अण्णु वन्दणेण अण्णु ॥ १६ णागेण अण्णु चम्पऍण अण्णु ॥ १७ णिम्वेण अण्णु पक्खेण अण्णु ॥ १८ । संजेण अण्णु अज्जुणेण अण्णु ॥ १९ पांडलिएँ अण्णु पुप्फलिए अण्ण ॥ २० केअइऍ अण्णु मालइए अण्ण ॥२१ अण्ण अण्णु हउ एम सेण्णु ॥ २२ ॥ घत्ता॥ पवण-सुअहाँ पहरन्ताहाँ पाणायाम-धाम-परिचत्तइँ । रिउसाहण-णन्दणवण वेण्णि"वि रणे सरिसाइँ समत्तइँ ॥२३ [१५] ॥दुवई। पाडिय वर-तुरङ्ग रह मोडिय चूरिय मत्त कुञ्जरा । वेस व णह-विलुक्क थिय केवल उक्खय-दुम-वसुन्धरा ॥ १ ॥ वण-वलइँ दसाणण-केराइँ सुरह मि आणन्द-जणेराई ॥२. महियले सोहन्ति पडन्ताइँ णं जिण-पडिमहे पणमन्ताई॥३ वण-वलइँ णिसण्णइँ धरणियलें ____ जलयरइँ व सुक्क. उवहि-जलें ॥४ वण-वलइँ सु-संतावियइँ किह दुप्पुत्तेहिँ उभय-कुलाइँ जिह ॥ ५ वण-वलइँ परोप्परु मीसियइँ णं वर-मिहुणाइँ पदीसियइँ ॥ ६ ॥ 2. सामीरणि-णिदएँ भुत्ताइँ रणे रयणिहिँ मिलेंवि पसुत्ताइँ ॥७ वण-वलइँ हणुव-पहराहयइँ णं कालहाँ पाहुणाइँ गय॥८ 7 P S जण्हुइए. 8 P S तारेण. 9 A. omits lines 16 to 18. 10 s. omits this Pada. 11s णिवएण. 12 A. omits this Pada. 13 P S पाडलीए. 14 PS पहरंतहो. 15 Pथाण. 16 PS विण्ण. 17 s सम्मत्तइ, A संम्मत्तइ. 15.. 1 Ps विणकु and glossed in P. as वेश्या नासिकारहिता. 2 5 मुक्कइ. 3P दुपुत्ते उहय°, दुप्पुत्ति उहय'. 4 P णि इ, A °णिद्दई. 5 P रयणिहे, S स्यणेहि. [१४] १ लक्षण. २ उखास-रहितः. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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