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क०५,१०, ६, १-१०,७,१-७], सुन्दरकण्डं-एक्कवण्णासमो संघि [२४३ .
• ॥घत्ता ॥ तेण णिसायरु आहयणे आयामेवि समाहउ तालें। पडिङ घुलेप्पिणु धरणियले घाइड देसु णाइँ दुक्कालें ॥ १०
. [६] ॥दुवई॥ जं हएवेण णिहउ समरङ्गण दाढावलि स-मच्छरो।
... धाइउ एक्कदन्तु गलगजेंवि णं गयवरहों गयवरो ॥ १ जो पुव-वारे वैण-रक्खवालु • संपाइउ णं खय-कालें कालु ॥२ दिढ-कढिण-देहु थिर-थोर-हत्थु पर-वल-पओलि-भेल्लण-समत्थु ॥ ३ आयामेंवि सत्ति पमुक तेण णं सरि सायरहों महीहरेण ॥ ४ सा सांभीरणिहें परायणत्थ असइ व सप्पुरिसहाँ अंकियत्थ ॥ ५ ॥ हणुवेण वि रणउहे दुणिरिक्खु उप्पाडिउ वर-साहारु रुक्खु ॥६ कामिणि-मुह-कुहरहाँ अणुहरन्तु परिपक्क-फलाहरु कुसुम-दन्तु ॥ ७ णव-पल्लव-जीहा-लवलवन्तु कलयण्ठि-कण्ठ-महुरुल्लवन्तु ॥ ८ महकैव-वियारु व दल-णिवेसु पच्छण्ण-परिट्ठिय-रस-विसेसु ॥९ ।
॥ घत्ता ॥ मारुइ-कर-पम्मुक्कऍण तेण पवर-कप्पदुम-घाएं । एकदन्तु घुम्मन्तु रणे पाडिउ रुक्खु जेम दुबाएं ॥ १० .
[७] ॥दुवई। ताम कयन्तवक्कु आहवें असक्कु सक्कक-सम-वलो।
हत्थि व गिल्ल-गण्डु तियसहुँ पचण्डु कोदण्ड-करयलो ॥१ . 20 जो दांहिण-वारहों. रक्खवालु कोकन्तु पधाइउ मुह-करालु ॥२ 'वणु भछवि कहिँ हणुवन्त आहि लइ पहरणु अहिमुहु थाहि थाहि ॥ ३". जिह हउ दाढावलि उत्थरन्तु अण्णु वि विणिवाइउ एकदन्तु ॥४ तिह पहरु पहरु भो पवणजाय दहवयणहाँ केरा कुद्ध पाय' ॥५ . पच्चारैवि पार्वणि धर्णधरेण विहिँ सरेंहिँ विद्ध रणे दुद्धरेण ॥ ६ 25 परिअञ्चेवि णिडिय पुरउ तासु णमि-विणमि व पढम-जिणेसरासु ॥ ७
6. 1 Ps वणे. 2 P S 'कालु. 3 P°पउलिहे, 5 °पउलिहि. 4 PS सामीरणहो वि गय . णिरत्थ. 58 किय णिरत्थ. 6.PS परिपकु. 7 PS °जीह लवल्लवन्तु. 8 P S°मुहरु . 9 Ps महरुब्व. 10 P S पच्छण्णु. 11 P S °पमुक्कएण...
7. 1A भासक. 2 P सक कु, s सक्क. 3 P S A 'गंड. 4 PS थिरथोर. 5 P A करयले. 6 PA महिमुहुः 7 PS जह. 8 A पवणधण, 9 P द्धणुद्धरेण, A धणुद्धरेण. 10 P SA विडिउ.
३ संग्रामे. -
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