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२३४] सयम्भुकिङ पउमचरिउ पच्चारि णिय- मणें चिन्तन्तिऍ तो किह कमि वच्छ पइँ सायरु कच्छव-मच्छ-दच्छ-'पुच्छाह जोयण-सयइँ सत्त जल - वित्थरु एक महोवहि दुष्पइसारो
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सो सबहुँ दुल संसार व तहों पडिव परिवद्धिय - हरिसउ अणु महाहवें विष्फुरियाहरि
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आय सब परिहरेवि अट्ठ वि कम्मइँ णिद्दलैंवि
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यइँ चिन्धइँ पाइँ काइँ ण पइँ अणुहूआइँ
[ क० ४, २- १०, ५, १–१
'जर तुहुँ रामउ विणु भन्ऍि ॥ २ जो सो णक्क-ग्गाह-भयङ्करु ॥ ३
सुमार - करि-मयर - साह ॥ ४ णिच्च - णिगोउ जेम अइ-दुत्तरुः ॥ ५ अण्णु वि आसाली- पायारो ॥ ६ अवुहुँ विम पच्चाहारु व ॥ ७ वज्जाउहु वैज्जाउह- सरिस ॥ ८ केम परज्जिय लङ्कासुन्दरि ॥ ९
तं णिसुर्णेवि वेणु महग्घविउ 'परमेसरि अज्ज वि भन्ति तउ 15 जीवेंहिँ वसिकिय लङ्कासुन्दरि हियासालि महोवहि लडि एव विजइ ण देवि पत्तिज्जहि जयहुँ वण-वासों णीसरियइँ णम्मय वितावि अहिणाणइँ 20 जयउर-णन्दावत्त- णिवाणइँ गुत्त-सुगुत्त-जडाइ- णिवेसइँ खर- दूसण-सङ्गाम-पवञ्च इँ
॥ घत्ता ॥
तुहुँ लङ्का-णयरि पड्डु किह । वर - सिद्धि-महापुरि सिद्धु जिह' ॥ १० [५]
विसेहप्पिणु अंजणे उं चविउ । जीवेंहिँ वज्जाउहु समरें हउ ॥ १ लइय सा वि कुञ्जरेंण व कुञ्जरि ॥ २ वहिँ रावणो वि आसङ्घि ॥ ३ तो राहव-सङ्के सुणेर्जहि ॥ ४ दसर - कुवर पुर पसरियइँ ॥ ५ अरुणगाम - रामउरि पयाणइँ ॥ ३ खेमञ्जलि - वंसत्थल-थाणइँ ॥ ७ खग्गु सम्वु चन्दणहि पसइँ ॥ ८ तिसिरय-रण-चरियाइँ दइच्चइँ ॥ ९
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॥ घता ॥
अवराइ मि कियइँ जाइँ छलइँ । अवलोयणि-सीहणाय-फलइँ ॥ १०
4 P मणि चिंतंतिभए, P मणि चेंतंतियउ. 5 A कमिउं. 6 Psपुच्छायउ, A पुंच्छाहउं 7F S 9PS आसालिए, 4 आमाली.
10 P पायारु, S
सुसुमारु, A सुंसुआर 8Ps कराहउ पायरु. 11 A विसमउं 12Ps पडिमल पवडिअ 13 Ps have a Danda after तुहुं. 5. 1-Ps पगुणगुणग्घविउ 2Ps चिहसेविणु. 3 P अंजणिउ, 4 अंजणे. 4 Ps जावहि. 5 Ps वि. 6 Ps सुणिजइ. 7Ps पुरु. 84 वइसरियई 9Ps णिवेसइ 10 P पएसह,
एलए, A पचइ.
[४] १ (P's reading ) आगतं युक्त. २ प्रत्याहार इष. ३ इंद्रतुल्यः . [५] १ ( Reading in P s. ) गुणाढ्यः २ नूपाज्ञया (?).
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