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॥ घत्ता
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१,२-10; २, 1-10]
सुन्दरकण्डं-एकूणपण्णासमो संधि [२२१ पश्चेवि भण. रावण-मिच्चहुँ इन्दैइ-भाणुकण्ण-मारिच्चहुँ ॥२ जण-मण-णयमाणन्द-जणेरउ घर पइसरइ विहीसण-केरउ ॥ ३ तेण वि अब्भुत्थाणु करेप्पिणु सरहसु गाढालिङ्गणु देप्पिणु ॥४ मारुइ वइसीरिउ उच्चासणे णं सु-परिट्ठिउ जिणु जिण-सासणे ॥५ कइकसि-णन्दणेण परिपुच्छिउ 'मित्तेत्तडउ कालु कहिँ अच्छिउ ॥ ६ ॥ खेमैं कुसलु किं णिय-कुल-दीवहुँ णल-णीलङ्गङ्गय-सुग्गीवहुँ ॥७ कुन्दिन्दहुँ माहिन्द-महिन्दहुँ • जम्बव-गवय-गवक्ख-णरिन्दहुँ ॥८ अञ्जण-पवणञ्जयहुँ सु-खेउ' पुणु वि पुणुं वि जं पुच्छिउ एउ ॥ ९
विहंसेवि वुत्तु हणुवन्तेंण 'खेमु कुसलु सवहाँ जणहों। पर कुद्धेहि लक्खण-राहिँ अकुसलु एक्क दसाणणों ॥ १०
[२] पुणु वि पुणु वि कण्टइय- उ भणइ पडीवउ पवण-सुउ । 'एउ विहीसण थाउ मणे दुजय हरि-वल होन्ति रणे.॥ सुमण-दुअइ सुमरन्तिया .
15 सहुँ वलेंण सहरिस पच्चिया ॥१ अच्छइ रामचन्दु आर?उ णं पञ्चाणणु चित्तें दुट्ठउ ॥२ 'अच्छइ अजु कल्ले संचल्लमि पलय-समुदु जेम उत्थल्लमि ॥ ३ अच्छइ अज्जु कैलें आसङ्घमि गोपउ जिह रयणायरु लङ्घमि ॥ ४ अच्छइ अज्जु कलें वलु वुज्झमि वइरिहिँ समउ रणङ्गणे जुज्झमि ॥५ अच्छइ अज्जु कैले अन्भिट्टमि दहमुह-वल-समुदु ओहट्टमि ॥६- 29 अच्छइ अज्जु कैलें पुरे पइसमि रावण-सिरि-सीहासणे वइसमि ॥ ७ . अच्छह अज़ कैलें रिउ-केर वाणेहिँ करमि सेण्ण विवरेरउ ॥८ अच्छइ अजु कल्ले "णीसेसइँ लेमि छत्त-धय-चिन्ध-सहास ि॥९
॥ पत्ता ॥ . तें कजें आउ गवेसउ हउँ सुग्गीवहाँ पेसणेण । ____मं लङ्काहिव-कप्पडुमो डज्झउ राम-हुवासणेण ॥ १० 9 A वचइ. 10 P भमणइं, भमणइ. 11 Ps A °भिचहु. 12 Ps इंदई कुंभकण्ण'. 13 A खेडं. 14 PS पुणुई. 15 PS विहसेप्पिणु.
2. 18 °भुओ. 2 A सुमणा. 3 P सुमरंतिय, A संरंतिया(?). 4 P SA सहु. 5 Pणञ्चिय, A नचिया. 6 P•s A कलि. 7 PS संचल्लइ. 8 P S उत्थल्लइ. 9 s A कल्लि. 10 P गोप्पउ. 11 जेम. 12 P S अच्छमि. 13 PS उहट्टमि. 14 P S रामण'. 15 A °सिंघासणे. 16 P. केरउं. 17 P's कलि. 18 P SA णीसेसइ. 19 A लंकहिव. 20 PS भासणेण, A हुपासण.
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