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- २०] सबम्भुकिज पामचरित
[2०14, 1-९ [१] थम्भैवि पर-वलु धीरेवि प्रिय-बलु । उचारेप्पिणु जिणवर-मङ्गल॥ तेन तेन तेन चित्तें ॥४॥१ पईछु समीरणि सुट्ट रमाउले।
लङ्कासुन्दरि- केर' राउले॥ तेने तेन तेन, चित्तें ॥४॥२ रयणिहिँ माणेप्पिणु सुरय-सोक्खु संचल्लु विहाण, दुक्खु दुक्खु ॥३ आउच्छिय सुन्दरि सुन्दरेण वणमाल णाई लच्छीहरेण ॥४ 'लइ जामि कन्ते रावणहाँ पासु सहुँ वलेंण करेवी सन्धि तासु ॥५
किं भणइ विहीसणु भाणुकण्णु घणवाहणु मउ मारीचि अपणु ॥६ 10 किं इन्दइ किं अक्खयकुमारु किं पञ्चामुह रणे दुण्णिवार ॥७ एत्तियहँ मझें का बुद्धि कासु को वलहों भिचु को रावणासु ॥ ८
॥ घत्ता ॥ पुणु पुणु वि भणेबउ दहवय लहु अप्पि परायउ तिय-रयणु । अप्पणउ करेप्पिणु दासरहि सइ भुलहिणीसावण्ण महि' ॥९
[४९, एक्कूणपण्णासमो संधि] परिणेप्पिणु लङ्कासुन्दरि समरें महाभय-भीसणहों। सो मारुइ रामाएसेंण घरू पइसरह विहीसणहों ॥
१] सुरवहु-णयणाणन्दयरु (स-स-ग-ग-ग-म-नि-नि-नि-स-स-नि-धा) . . समर-सऍहि णिबूढ-भरु(म-म-गा-म-गा-म-म-धा-स-नी-स-धा-स-नी-स-धा)।
पवर-सरीरु पलम्व-भुउँ (सं-स-स-स-ग-ग-म-म-नि-नि-स-नि-धा) . लङ्क पईसइ पवण-सुङ (म-म-गा-म-गा-म-धा-स-नी-धा-स-नी-स-धा)॥१
15. 1 P तेण thrice 2 A चिते. 3 P A पछ्. 4A करेविणु. 5 PS मारिचि. 6 P इंदई. 7 A पंचाउहु. 8 P S एत्तियहु. 9 P A भणेवउ.
1. 1s. omits the portion from °सेंण up to मधासनी in the next line. 2 Pस ४ मगममधि ४ सण्णिधा। and the gloss on स ४ is ससगगगममणिणिससनिधा; A. here and at several places below has a fory, which is a clear scribal error. 3 P ममगामधासनीधा and in the gloss ममंगामगाममवासणीसधासणीसधा सीमनीचासणी. 4 PS सरीर. 5 S°भुओ. 6 P सससससराममममनिनिससनिधा and in the gloss ससससममममणिणिनिसणिधा, 3 सससस and the rest as in P. 7 s°सुओ. 8 s omits.
[१५] १ समस्त.
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