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२२१८] सयम्भुकिउ पउमचरिङ
[क० ११,२-९,१२,१-९ लङ्कासुन्दरि
मग्गण-जालेणं । छाइय मेइणि जिहं दुक्कालेण ॥ तेन तेन तेन चित्तें॥४॥२ तं हणुयहाँ केरउ वाण-जालु छायन्तु असेसु दियन्तरालु ॥ ३
वीसहिँ सरेंहिँ परिछिण्णु सयलु णं परम-जिणिन्दें मोह-पउँलु ॥४ । अण्णेके वाणे कवउ छिण्णु उरु रक्खिउ कह वि ण हुणुउ भिण्णु ॥५ छिजन्ते कवऍ हरिसिय-मणेण किउ कलयलु णहें सुरैवर-जणेण ॥ ६ दिणयरेंण पहञ्जणु वुत्तु एम 'महिलाएँ जि जिउ हणुवन्तु केम ॥७ तं वयणु सुणेवि पुलइय-भुएण सम्बउरि पदोच्छिउ मैरु-सुएण ॥८
॥ पत्ता ॥ 'इउ काइँ वुत्तु पइँ दिवसयर जिण-धवलु मुएप्पिणु एकु पर। जगें जो जो गरुयउ गजियउ भणु महिलऍ को ण परजियउ॥९
[१२] जाम पडुत्तर देइ पहाणु। ताम विसैजिउ ___ उक्का-पहरणु ॥ तेन तेन तेन चित्तें ॥४॥१ तिह हणुवन्तण एकें वाणेण।
किउ सय-सकर दुरिउ व णाणेण ॥ तेन तेन तेन चित्तें॥४॥२ पुणु मुक्क गयासणि णिसियरीऍ णं उवहिहें गङ्ग वसुन्धरीऍ ॥ ३ . स खण्ड-खण्डु किय तिहिँ सरेहिँ णं दुम्मइ संवर-णिजरेहिँ ॥ ४
एत्थन्तर विप्फुरियाहरीऍ पम्मुंकु चक्कु विजाहरीऍ ॥५ ७ विखंसिउ तं पि सिलीमुहेहिँ णं कुकइ-कइत्तणु वर-वुहेहिँ ॥६ सिल मुक्क पडीवी ताऍ तासु णं कु-महिल गय परणरहों पासु ॥ ७ वञ्चिय पवणञ्जय-णन्दणेण णं असइ सु-पुरिसें दिढ-मणेण ॥८
॥ घत्ता ॥ सर मुक गयासणि चक्कु सिल अण्णु विजं किं पि मुअइ महिल।
तं सयलु वि जाइ णिरत्थु किह घर किविणहाँ तेकुव-विन्दु जिह ॥९ 4 A जालए. 5A जह दुक्कालए. 6 P तेण तेण तेण चित्तें, A. omits. 7 s मोहजालु. 8 PS सुरयण. 9 P वि जिउ, 8 जित्तु. 10 P संवरुड corrected as संवउरु, 8 संवरउ. 11 PS मारुएण. 12 A. omits this line except जियउ.
12. 1 P पसजिउ. 2 P तेण thrice. 3 PS °याणणए. 4 A. omits this pada, 5 PS पमुक्कु. 6 णं णं कुक्रइत्तणु. 7 A दर. 8 P S चक्क. 9 Ps किवणहो. 10 A वंदु.
२ अदित्यः. ३ पवनेन.
[१२] १ याचके( क इ)व.
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