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________________ कं०९,५–९,०१०, १- ९, ११, १ ] वज्जासणीऍ किं गिरिण फुट्टु रथेणीऍ पच्छापचि गयण-मग्गु जइ एत्तिउ मर्णे अहिमाणु तुज्झु गलगवि लङ्कासुन्दरीऍ ॥ घन्ता ॥ वज्जाह - तर्णय पेसिऍण पिच्छेजल- पुंङ्ख- विहूसिऍण । www सर-जालें छा गयणु किह जणवड मिच्छत्त-वलेण जिह ॥ ९ N 'तो वि ण भिज्जइ परम - जिणागमु पढम - सिलीमुह रहें अण णाराऍहिँ हणुवहाँ केर एहिं सर-जालु विहङ्गेवि लइउ तेहि अण्णेक्के वाणें छिण्णु छत्तु सूरहों जेमन्तों विसालु तं गिऍवि छत्तु महिलें पडन्तु संथवेंविण सक्कि सुन्दरेण 'धणुहरे छिण्ण एन्ति पडीविय सुन्दरकण्डं अट्ठचालीसमो संधि [२१७ किं ण हिउ करि पचामणीऍ ॥ ५ किं सूरहों सूरत्तणु ण भग्गु ॥ ६ तो किं आसालिहें दिण्णु जुज्झु' ॥ ७ सैर-पञ्जरु मुक्कु णिसायरीऍ ॥ ८ तें तिक्ख-खुरुप्पें दुज्जऍण 20 पडिवक्ख मर्डप्फर-भञ्जऍण । गुणु छिण्णु विणासि चार किह मिच्छत्तु जिणिन्दागमेण जिह ॥ ९ [११] [१०] १ हनुमंतेन. [११] १ हनुमंतः [१०] मारुइ वाहिं । जिह अण्णाणेंहिं ॥ तेन तेन तेन चिलें ॥ ४ ॥ १,0 तेण वि मेल्लिय | स०म० च० २८ Jain Education International दूअ व घल्लिया || तेन तेन तेन चित्तें ॥४॥२ संचहि दुविरहिं ॥ ३ कावेर-सलिलु जिह णरवरेहिं ॥ ४ णं खुडिउ मरालें सहसवतु ॥ ५ वियलिउ कराउ कलहोय-थालु ॥ ६ # मेल्लिउ खुरुप्पु थरथरहरन्तु ॥ ७ तवसित्तणु गाइँ कुमुणिवरेण ॥ ८ ॥ घत्ता ॥ 11°^ रयणिहे उच्छाएवि. 12 A सरपंजर मुक्क. 13 PA° तणएं, s °तणयं. 14 4 पेसियएण. 15 Ps पिंच्छु. 16 A पोंख. 10. 1P. begins with जंभेट्टिया s with जंभिट्टिया 2s जिमंतहो. 3Ps कण 4 A मेलेवि . 5 Ps मडप्फरु. 11. 1PS धणुहर 2PS एंत पडीवी. 3P तेण तेण तेण. कुवि पंहञ्जणि । मुक्त सरासणि ॥ तेन तेन तेन चित्तें ॥ ४ ॥ १ 25 18 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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