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कं०११, १२,१२, १-१७; १३, १] सुन्दरकण्डं-पञ्चचालीसमो संधि [ १९७
॥ घत्ता ॥ जम्वव-पल-णीलङ्गङ्गऍहिँ हणुवन्तु एन्तु जयकारिउ । णाण-चरित्तेहिं दंसणेहिँ णं सिद्ध मोक्खें पइसारिउ ॥ १२ ।
[१२] पइसरन्तु पुरे पेक्खइ णिम्मल-तारई। .
: घरै घरे जि मणि-कश्चण-तोरण-वारई ॥१ चन्दण-चच्चराइँ सिरिखण्डइँ . पेक्खइ पुरे णाणाविह-भण्डइँ॥२ कुङ्कम-कत्थूरिय-कप्पूरइँ अगरु-गन्ध-सिल्हय-सिन्दूरई॥३ कत्थई 'कल्लूरियहुँ कणिक्कउणं 'सिज्झन्ति तियउ पिय-मुक्कउ ॥४ अइ-वण्णुजलाउ णउ मिट्ठउ णं वर-वेसउ वाहिर-मिट्ठउ ॥५ कत्थइ पुणु तम्वोलिय-सन्धउ णं मुणिवर-मईउ मज्झत्थउ ॥६ अहवइ सुर-महिलउ वहुलत्थउ जण-मुहमुजालेवि समत्थउ ॥ ७ कत्थइ पडियइँ पासा-जूअइँ गट्टहर पेक्खण' व हूअइँ ॥८ मुणिवर इव जिण-णामु लयन्तइँ वन्दिण इव सु-दाय मग्गन्तइँ ॥९. कत्थइ वर-मालाहर-सन्थउ णं वायरण-कहउ सुत्तत्थर ॥ १० ॥ कत्थइ लवणइँ णिम्मल-तार खल-दुजण-वयेणई व सु-खार ॥ ११ कत्थइ तुप्पई तेल्ल-विमीस िणाई कुमित्तत्तण असरिसई॥ १२ कत्थइ उम्मैवन्ति णर-माणइँ ___णं जम-दूआ आउ-पमाणइ ॥ १३ . कत्थइ कामिणीउ मय-मत्तउ णं रिह-वहुलउ अँधिय-कडत्तउ ॥ १४ एम असेसु णयरु वण्णन्तउ मोत्तिय-रङ्गावलि चूरन्तउ ॥ १५ ॥ लीलऍ पइठु समीरण-णन्दणु जहिँ हलहरु सुग्गीउ जणदणु ॥ १६ ।
॥ पत्ता॥ रामहों हरिहें कइद्धयहाँ हणुवन्तु कयञ्जलि-हत्थउ । • कालहों जमों सणिच्छरहों णं मिलिउ कयन्तु चउत्थउ ॥ १७ .
[१३] राहवेण वइसारिउ णिय-अद्धासणे।
मुणिवरो व थिउ णिच्चलु जिणवर-सासणे ॥१ 8 पइसारियउ. ____12. 1 Ps कल्लरिहुं. 2 A कणिक्कउं. 3 s मट्ठउ, A मेट्ठउ. 4 A सत्थउ. 5 P°मइड, s मइओ.6 A अहवा. 7 P णट्टहरइ पेक्खइणं वहुअइ, S णट्टहरइणं पेक्खइ वहुअइ.8 9 सुदाण. 9 रहंसहत्थउ. 10 P S वायरए कहाउ. 11 P s वयणा इव खारई. 12 P S उम्मवत्ति. 13 s णरमालई, A नरमाणउं. 14 P S अंधियकंतउ. 15 P S किवन्तु.
[१२] १ अन्न-पाक-स्त्रीणाम्. २ तप्यन्ति. ३ 'जट्ट' कूटयूतम् , अन्यत्र नृत्यम्. ४ सुद्रव्य-दाभानि,. सुदायच. ५ सुमीवस्य..
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