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________________ २,१०,९११-१६] सुन्दरकण्ड-पञ्चचालीसमो संधि [१९५ 'मइँ हणुवन्तें कुद्धऍण दिवसें चउत्थऍ पट्टवमि ॥ पत्ता ॥ कहि जीविउ लक्खण-रामहुँ । पन्थें खर-दूसण-समहुँ' ॥ १० [९] लँच्छिभुत्ति 'पभणिउ सुहि-सुमहुर-वायए । 'एउ सव्वु किउ सम्वुकुमारों मायए ॥ १ . 'देव गैयण-गोयरीऍ कॉमकुसुम-मायरीऍ ॥२ उववणं पटुक्कियाएँ सुअ-विओय-मुक्कियाएँ ॥३ रावणस्स लहु-ससाएँ काम-सर-परबसाए ॥४ लक्खणम्मि गय-मणाएँ 'दिव-रूव-दावणाएँ ॥५ 'परहरं समल्लियाएँ सुपुरिसेहिं घल्लियाएँ ॥६ 'विरह-दाह-मिम्भलाएँ थण वियारिया खलाएँ ॥७ खरो स-दूसणो वि जेत्थु गय रुअन्ति दुक्क तेत्थु ॥८ ते वि तक्खणम्मि कुइय चन्द-भक्खर व उइय ॥९ मिडिय राम-लक्खणाहँ जिह कुरङ्ग वारणाहे ॥१० 'विण्हुणा सरेहिँ भिण्ण पडिय पायव व छिण्ण ॥ ११ एत्तहें वि रणे थिरेण णीय सीय दससिरेण ॥ १२ हरि वला वि वे वि तासु गय पुरं विराहियासु ॥ १३ एत्थु अवसरम्मि राउ मिलिउ अङ्गयस्स ताउ ॥ १४ विड-भडो वि राहवेण विणिहओ अलाहवेण ॥ १५ ॥ पत्ता॥ तं किउ कोडि-सिलुद्धरणु केलिहिँ आँसि जं भासिउ । अम्हहुँ जउ रावणहाँ खउ फुड लक्खण-रामहुँ पासिउ' ॥ १६ . 6.P भामहो, S A °मामहु. 9. 1 P A पभणिउं, 8 एभणिउ. 2 P सुइहिं, A सिहि. 3 8 समहुर', A सममहुर. 4 A 'omits these padas. 5s परिहरं समुल्लियाए. 6 P सुधुरिसेहि, सप्पुरिसेहि. 7 P चंदभक्सरो, चंडभक्खरो. 8 P S A केवलिहि. 9 A omits the portion from भासि up to the end. 10 P भासिउं. 11 PS नामहु. [९] १ लक्ष्मीभुक्ति-नाम-दूतेनोक्तम्. २ हे देव. ३ विद्याधर्या. ४ अनङ्गकुसुम-मात्रा. ५ लक्ष्मणेन. ६ वृक्ष इव. - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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