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22,.-९३९, १-९, १०,१-४] सुन्दरकण्डं-तियालीसमो संधि [१७७ 'तुहुँ मइँ आसङ्केवि आउ पासु अक्खहि हउँ सरणउ जामि कासु ॥७ जिह तुहुँ तिह हउ मि कलत्त-रहिउ वणे हिण्डमि काम-गहेण गहिउ' ॥ ८
॥ घत्ता ॥ सुग्गीवें वुच्चइ 'देव सुण कुसल-वत्त सीयहें तणिय। जइ णाणमि तो सत्तमऍ दिणे पइसमि सलहँ हुआसणिय' ॥९
[९] जं जाणइ-केरउ लइउ णामु • तं विरह-विसन्थुलु भणइ रामु ॥ १ •'जइ आणहि कन्तहें तणिय वत्त तो वयणु महारउ णिसुणि मित्त ॥२ सत्तमऍ दिवसें एत्तडउ वुज्झु करें लायमि ताराएवि तुज्झु ॥३ भुञ्जावमि तं किक्किन्ध-णयह दक्खवमि छत्त-धय-दण्ड-पवरु ॥४ अण्णु मि तुह केरउ हणमि सन्तु परिरक्खइ जइ वि कियन्त-मित्तु ॥ ५ वम्भाणु भाणु गङ्गाहिसेउ अङ्गारउ ससहरु राहु केउ ॥ ६ वुहुँ विहफइ सुक्कु सणिच्छरो वि जमु वरुणु कुवेरु पुरन्दरो वि ॥ ७ एत्तिय मिलेवि रक्खन्ति जो वि जीवन्तु ण छुट्टइ वइरि तो वि ॥ ८.
॥ घत्ता ॥ जइ पइज ण पूरमि एत्तडिय जइ ण करमि सजणहँ दिहि । सत्तमऍ दिवसें सुग्गीव महु पत्तिय तो सण्णास-विहि' ॥९
. [१] सीराउहु पइजारूदु जं जैं संचल्लु असेसु वि सिमिरु तं जे ॥ १ संचल्लू विराहिउ दुण्णिवार सुग्गीउ रामु लक्खण-कुमारुः ॥२ ते चलिय चयारि वि परम-मित्त णावइ कलि-काल-कयन्त-मित्त ॥ ३ णं चलिय चयारि वि दिस-गइन्द णं चलिय चयारि वि खय-समुद्द ॥ ४ . णं चलिय चयारि वि सुर-णिकाय णं चलिय चवल चरविह कसाय ॥ ५ णं चलिय चयारि 'विरिश्च-वेय उवदाण-दण्ड णं साम-भेय ॥ ६ . अह वण्णिएण किं एत्तडेण णं चलिय चयारि वि अप्पणेण ॥ ७ 25 थोवन्तरें तरल-तमाल-छण्णु जिण-धम्मु जेम सावय-रवण्णु ॥ ८
4 PA सरणउं. 5 PS सलस.
9. 1 A omits this pada.P कंतहो, S A कंतहिं. 3 A °पउरु. 4 P हणउ. 5 PA कियंतु. 6 Ps वुह विष्फइ.7 PS जम. 8 P S जइ.
10. 1 P णिकाय, s कषाय.
२ चितायाम्.
[९] १ ईश्वरः. [१०] १ ब्रह्मणः वेद-चतुष्टय.
स० प.च०२३
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