SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 214
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कइराय-सयम्भुएव-फिउ पउमचरिउ #BR >तईयं सुन्दरकण्डं [४३. तियालीसमो संधि] . एहऍ अवसर किक्किन्धपुर णं गउ गयहाँ समावडिउ। । सुग्गीवहाँ विड-सुग्गीउ रण तारा-कारणे अन्भिडिउ ॥ [१] पडिवक्खु जिणेवि ण सक्कियउ विदाणउ माण-कलङ्कियउ ॥१ णं हियवऍ सूलें सल्लियर माया-सुग्गीवें 'घल्लियउ ॥२ सुग्गीउ भमन्तु वणेण वणु संपाइउ खर-दूसणहँ रणु ॥ ३ ॥ वलु दिट्ठ सयलु सर-जज्जरिउ तिल-मेत्तु खुरुप्पॅहिँ कप्परिउ ॥ ४ । कत्थइ सन्दण सय-खण्ड किय कत्थइ तुरङ्ग णिज्जीव थिय ॥ ५ . कत्थवि लोट्टाविय हत्थि-हड कत्थइ सउणेहि खज्जन्ति भड ॥ ६. कत्थइ छिण्णइँ धय-चिन्धाइँ कत्थइ णञ्चन्ति कवन्धाइँ ॥७ कत्थइ रह-तुरय-गयासण. हिण्डन्ति समरे सुण्णासण. ॥८ ॥ घत्ता॥ तं तेहउ किकिन्धेसरण भय-भीसावणु 'दिट्ट रणु । .. उम्मेढें लक्खण-गयवरण णं विद्धंसिउ कमल-चणु ॥९ [२] रणु भीसणु जं जें णियच्छियउ खर-दूसण-परियणु पुच्छियउ ॥ १ ॥ 'ईमु काइँ महन्तउ अच्चरिउ वलु सयलु केण सर-जजरिउ' ॥२ तं वयण सुर्णेवि दूमिय-मणेण वुच्चइ खर-दूसण-परियणेण ॥ ३ 'को वि दसरहु तहाँ सुअवेण्णि जण वण-वासें पइट्ट विसण्ण-मण ॥४ 1. 1 A विदाणउं. 2 A दूसणहो. 3 P S तिलु. 4 Ps °सणाई. 5 s omits these words. 2. 1 P एउ, s यऊ. 2 PS अच्छरिउ. 3 s कु. 4 P A दसरहो. [१] १ निर्धाटितः. २ तिलमात्रं खण्ड खण्डं कृत्वा. ३ आसनानि. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy