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१७२] सयम्भुकिङ पउमचरिउ समउ विराहिएण वण-सेवहुँ तं णिसुणेवि दसाणण-भिचें 'एह अजुत्त वत्त पइँ अक्खिय का वि अणकुसुम वलवन्तहाँ तं किं माम-वइ वीसरियड तो एत्थन्तरे भइ विहीसणु एवहिँ सो वाउ चिन्तिज्जइ एम भणेवि चउद्दिसु ताडिय
[ क० १२, १-११
मिलिया वासुव - वलएवहुँ' ॥ ३ वुच्चइ पश्चामुँहु मारिश्चें ॥ ४ रावणु मुऍविण अण्णहों पक्खिय ॥ ५ दिण्णी' खरेण धीय हर्नुवन्तो ॥ ६ जें पisara मिलइ भय - डरियउ' ॥ ७ 'केत्ति चैवहु वयणु सुण्णासणु ॥ ८ लङ्काणांहु जेण रक्खिज्जइ' ॥ ९ पुरें आसालिय विज्ज भमाडिय ॥ १०
॥ घता ॥
दिदु माया-पायारु कि । रज्जुं सयं भुञ्जन्तु थिउ ॥ ११
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अउज्झा - कण्डं समत्तं !
तियसहु मि दुलहु णीस णिसिन्दु
आइएवि पडिमोवमाऍ वीअम उज्झा कण्ड
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आइचम्बिमाए ( ? ) । सयम्भु-घरिणीऍ लेहवियं ॥
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3 A पंचाउहु. 4s omits this pada. 5 P 3 दिग्ण 6P हणुमंत हो, 7s पडिवेक्ख, A पडिवक्खें. 8 PS वयणु चवहु. 9A नासाली. 10 A रजउ सई. 11 A. does not “read this Gāthā. 12Ps अवज्झा, A अउझां. 13 P लेहाविअं, s लैह वि.
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