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20३,,१४,१-९,१५,१-८] उज्झाकण्डं-एकचालीसमो संघि [ १६३ -
॥त्ता॥ . सर-णहरारुणेण
धणुवेय-ललाविय-जीहें। दहमुह-मत्त-गउ
फाडेवउ राहव-सीहें' ॥९ -
[१४] रामण-रामचन्दरमणीयहुँ जाम वोल्ल मन्दोवरि-सीयहुँ ॥१ । ताव दसाणणु सयमेवाइउ . हत्थि व गङ्गा-'वेणि पराइउ ॥२ भसलु व गन्ध-लुद्ध विहडप्फडे जाणइ-वयण-कमल-रस-लम्पडु ॥ ३ करयल धुणइ झुणइ वुक्कारइ खेड्डे करेवि देवि पच्चारइ ॥४ 'विण्णत्तिएँ पसाउ परमेसरि हउँ कवणेण हीणु सुर-सुन्दरि ॥ ५ किं सोहग्गें भोग्गें ऊँणउ किं विरुयउ किं अत्थ-विहूणउ ॥ ६ ॥ किं लावणे वण्णे हीणउ किं संमाणे दाणे रणे दीणउँ ॥ ७ कहें कजेण केणं ण समिच्छहि जे महएवि-पट्टण पडिच्छहि ॥८
॥ घत्ता ॥ राहव-गेहिणिऍ णिब्भच्छिउ णिसियर-राणउ । . 'ओसरु दहवयण तुहुँ अम्हहुँ जणय-समाणउ ॥ ९ ॥
[१५] जामन्तो वि तो वि में मुज्झहि गेण्हेंवि पर-कलत्तु कहिँ सुज्झहि ॥ १ जाम ण अयस-पडहु उब्भासइ । जाम ण लङ्काणयरि विणासइ ॥२ जाम ण लक्खण-सीहु विरुज्झइ जाम ण राम-कियन्तु विवुज्झइ ॥३ जाम ण सरवर-धोरणि सन्धइ जाम ण तोणा-जुअलु णिवन्धइ ॥४१ जाष ण वियड-उरत्थलु भिन्दइ जाव ण वाहु-दण्ड तउ छिन्दइ ॥५ सरवरें हंसु जेम दल-विमलइँ जाव ण तोडइ दस-सिर-कमलइँ॥६ जाम ण गिद्ध-पन्ति णिबंदृइ जाम ण णिसियर-वलु आवदृइ ॥ ७ . जाम ण दरिसावइ धय-चिन्धइँ जाम ण रणे णच्चन्ति कवन्धइँ॥८
7.P दहमुहूं, ते दहमुहु.
14. 1 Ps °रमणीयहो. 2 P °सीहहो, s °सीयहो. 3 PS लुद्धगंधु. 4.A वंकारइ. 5 PS खेडू. 6 P वेण्णि विए, s विण्णिविए. 7 P S किउ. 8 P हीणउं, S हीणउ, A ऊणउं. 9 P रूएं, 8 रूयं. 10 PS विहूणउं. 1rPS लायण्णे. 12 P हीणउं. 13 P S दीणउं. 14 s जेण. 15 Ps राणउं. 16 P भम्हह जणणसमाणउं. . 15. 1 P जगे भासइ, s जगि भासइ. 2 P S लक्खणु. 3 PS विरुज्झइ. 4 P. S. reverse the pādas of line 4.5 PS सरधोरणिवर. 6 A निव्वत्तइ.7 A आवत्तइ. '
[१४] १ तटे.
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