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१५८.] सयम्भुक्रिउ पउमचरिउ
[क०२,९,३,३-९,४,५-१
॥ घत्ता ॥ को वि ण वर्जमउ जाएं जीवें मरिएवउ। ४. अम्हेंहिँ तुम्हेंहि मि खर-दूसण-पाहें जाएवउ' ॥९
[३] धीरेंवि णियय बहिणि सिय-माणणु रणिहिँ गउ सोणऍ दसाणणें ॥ १ वर-पल्लङ्क चडिउ लङ्केसरु णं गिरि-सि हरें मइन्दु सं-केसरु ॥२ 'णं विसहरु णीसासु मुअन्तर णं सजणु खाल-खेइजन्तउ ॥ ३ सीया-मोहें मोहिउ रावणु मायइ वायइ पढइ सुहावणु ॥ ४ .
णच्चइ हसइ वियाहिँ भज्जइणिय-भूअहुँ जि पडीवउ लजइ॥ ५ "दसण-णाण-चरित्त-विरोहउ इहा-लोयहों पर-लोयहाँ दोहउ ॥६ मयण-परबसु एउ ण जाणइ जि हैं संघारु करेसइ जाणइ ॥७ अच्छइ मयण-सरेहिँ जजरियउ खर-दूसण-णाउ 'मि वीसरियउ ॥८
॥ घत्ता ।। चिन्तइ दहवयणु 'धणु धण्णु सुवण्णु समत्थउ । रज्जु वि जीविउ वि विणु सीयऍ सबु णिरत्थउ' ॥९
[४] तहिँ अवसर आइय मन्दोवरि सीहहाँ पासु व सीह-किसोयरि ॥१ वर-गणियारि व लीला-गामिणि पियमाहविय व महरालाविणि ॥२ . सारङ्गि व विप्फारिय-णयणी सेत्तावीसंजोयण-वयणी ॥ ३ । "कलहंसि व थिर-मन्थर-गमणी लच्छि व तिय-रूवें जूरवणी ॥४
अह 'पोमाणिहे अणहरमाणी जिह सा तिह एह वि पउराणी ॥ ५ जिह सा तिह एह वि वहु-जाणी जिह सा तिह एह कि वहु-माणी ॥ ६ जिह सा तिह एह वि सुमणोहर जिह सा तिह एह वि पिर्यं-सुन्दर ॥७ जिह सा तिह एह वि जिण-सासणे जिह सा तिह एह विण कु-सासणे ॥८
॥ धत्ता ॥ किं वहु जैम्पिऍण उवमिजइ काहे किसोयरि ।
णिय-पडिछन्दऍण थिय सइँ जै पाइँ मन्दोयरि ॥९ . 12 P s वजमओ.. 18 P मि, A वि. 14 A पंथे.
3. 1. P रयणिहे, रयणिहि. 2 A सोवणउं. 3 Between 1 and 2 Ps read तं पट्टवामि अज्जु जम-सासणु, रक्खइ जइ वि कुवेरु हुवासणु ॥ 4 A. omits this pada.
5 PS व केसरु. 6 P S भूयह. 7 A विरोहिउ. 8 PS अणसंहारु. 9 P णाउ वि, s जाउं वि. . 4. 1 PS पासि. 2 Pउ वि. 3 A सुपमाणी. 4 Ps पय'. 5A वित्थरेश.
[A] १ इन्द्रियाणां सुखेच्छया. २ सीता. .. [४] १ प्रिया कोकिला च, २ चन्द्रमुखी. ३ पउलोमीभिः (१). ४ इन्द्राणी.
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