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क०९,१-११,१०,१-१०]
उज्झाकण्डं-चालीसमो संधि [१५१
॥दुवई॥ हत्थि व उद्ध-सोण्ड सीह व लङ्गुल-चलग्ग-कन्धरा ।
णिट्टर महिहर व्व अइ-खार समुद्द व अहि व दुद्धरा ॥ १ अभिट्ट वे वि सोण्डीर वीर संगाम-धीर ॥२ एत्थन्तर अमर-वरङ्गणाहँ हरिसिय-मणाहँ ॥ ३ अवरोप्पर वोल्लालाव हय कहाँ गुण पहूँय' ॥४ तं णिसुणेंवि कुवलय-णयणियाएँ ससि-वयणियाएँ ॥ ५ •णिन्भच्छिय अच्छर अच्छराएँ वहु-मच्छराएँ ॥ ६ 'खर मुऍवि अण्णु किं को वि सूरु पर-सिमि-रचूरु' ॥ ७ अण्णेक्क पजम्पिय तक्खणेण 'सहुँ लक्खणेण ॥ ८ खरु गद्दहु 'किह किजइ समाणु जो अर्घडमाणु' ॥९ एत्थन्तरें णिसियर-कुल-पईवें खरु पहंउ गीवें ॥ १०
॥घत्ता॥ कोवाणल-णालउ कलि-कण्टालउ दसण-सकेसरु अहर-दलु । महुमहण-संरग्गें असि-णहरग्गे खुण्टेंवि घत्तिउ सिर-कमलु ॥ ११ ॥
[१०] ॥दुवई॥ एत्तहें लक्षणेण विणिवाइउ णिसियर-सेण्ण-सारओ। :, . एत्तहें दूसणेण किउ विरहु विराहिउ विणि वारओ ॥१ छुडु छुडु समरें परजिउ साहणु रह-गय-वाहणु ॥ २ छुडु छुडु जीव-गाहि आयामिउ पर-वल-सामि ॥ ३ छुडु छुडु चिहुरहँ हत्थु पसारिउ कह वि ण मारेउ ॥४ ताव खरहों सिरु खुडेवि महाइउ लक्खणु धाइउ ॥ ५ णिय-साहणे मम्भीस करन्तउ रिउ कोकन्तउ ॥६ 'दूसण पहरु पहरु जइ सक्कहि अहिमुहु थक्कहि' ॥ ७ तं णिसुणेवि वयणु आरुट्ठउ चित्तें दुट्ठउ ॥ ८ वलिउ णिसिन्दु गइन्दु व सीहाँ रण-सय-लीहहों ॥ ९ दसैसन्दण-जाएं वर-णाराएं वियड-उरत्थलें विद्ध अरि। रेवा-जल-वाहें मयर-सणाहें णाइँ वियारिउ विझइरि ॥ १०
9. 1 Ps खंधरा. 2 PS महिहरु. 3 Ps बहूय. 4 PS A खर. 5 PS किं. 6 PS अघडिमाणु, A घडमाणु. 7 P सरो. 8 5 पहओ. 9 P नारङ, s."णालओ. 10 P 8 करम्गे. 11 P S धुटिवि, 8 खुंट. . ____10. 1s दुगिवारओ. 2 P अहि मुहं थकहिं, SA omit this. 3 A दररहकुल जाएं. . 4A वियारिउ,
॥घत्ता
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