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१३६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० १२,३-९,१३, १-९,१४, -1 आउ दसाणणु पुप्फ-विमाणे णाइँ पुरन्दर सिविया-जाणे ॥ ३ पासु पदुक्किउ राहव-घरिणिहें मत्त-गइन्दु जेम पर-करिणिहें ॥४ उभय-करेंहिँ संचालिय-थाणों णाइँ सरीर-हाणि अप्पाणहों ॥५
णाइँ कुलहों भवित्ति हकारिय लङ्कहें सङ्क णाइँ पइसारिय ॥ ६ कणिसियर-लोयहाँ णं वज्जासणि णाइँ भयङ्कर-राम-सरासणि ॥ ७ णं जस-हाणि खाणि वहु-दुक्खहुँ णं परलोय-कुहिणि किय मुक्खहुँ ॥८
॥ पत्ता ॥ .. तक्खणे रावणेण . . ढोइउ विमाणु आयासहाँ। कालें कुद्धऍण हिउ जीविउ णं वण-वासहाँ ॥ ९.
[१३] चलिउ विमाणु जं जें गयणगणें सीयऍ कलुणु पकन्दिउ तक्खणे ॥ १ तं कूवारु सुणेवि महाइउ धुणेवि सरीरु जडाइ पधाईउ ॥ २ पहउ दसाणणु चञ्चू-धाऍहिँ पखुक्खेवेंहिँ णहर-णिहाऍहिँ ॥ ३ एक-वार ओससइ ण जाहिँ सयसय-वार झड़प्पइ ताहिँ ॥ ४ । जाउँ विसण्ठुलु वइरि-वियारणु चन्दहासु मण सुमरइ पहरणु ॥ ५ सीय वि धरइ णियङ्गु वि रक्खइ लज्जइ चउदिसु णयणकडक्खइ ॥६ दुक्खु दुक्खु तें धीरवि अप्पउ कर-णिट्ठर-दढ-कढिण-तैलप्पउ ॥७ पहउ विहङ्गु पडिउ समरगणे देवेहि कलयलु कियउ णहङ्गणे ।।८
॥ घत्ता।। पडिउ जडाइ रणे खर-पहर-विहुर-कन्दन्तउ। जाणइ-हरि-वलहुँ. तिण्हि" मि चित्तइँ पाडन्तउ ॥९
[१४] ...पडिउ जडाइ जं जे फन्दन्तर सीयऍ किउ अंकन्दु महन्तउ ॥१
'अहो अहाँ देवहाँ रणे दुवियवहाँ णिय परिहास ण पालिय सण्ढहाँ॥२ 2. वरि सुहडत्तणु चञ्चू-जीवहाँ जो अभिट्ट समेरे दसगीवहीं ॥ ३
4 A वर. 5 PS उहय'. 6 A omits this pada. 7 P मुक्खहु, s सुक्खहु. 8 Ps तंखणे रामणेण.
13.1 A पधाइउं. 2 P घाए, 5 घायं. 3 P 8 पंक्खुक्खेवहि, A पक्खुक्खेविहि. 4 s ओसरइ.5 P S झडप्पिउ. 6 s जाव. 7 A वीसरियउ. 8 PS करि'. 9 A तलप्फए. 10 A किउ गयणंगणे. 11A फंदंतउ. 12PS तिन्नि. 13A वि.
14. 1s कंदंतउ. 2 A आकंदु.
[१२] १ मृत्युः.
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