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26०, ४-०४११, १-९, १२,३-२] उज्झाकण्ड-अट्ठतीसमो संधि [ १३६ फुरइ स-वाहउ वामउ लोयणु पवहइ दाहिण-पवणु अलक्खणु ॥४ वायसु विरसु रसइसिव कन्दइ अग्गएँ कुहिणि भुअङ्गमु छिन्दइ ॥५ जम्बू पङ्गुरन्त उद्धाइय
णाइँ णिवारा सयण पराइय ॥ ६. दाहिणेण 'पिङ्गलय समुट्टिय णहें णव गह विवरीय परिट्ठिय ।। ७ तो वि वीरु अवगणेवि धाइउ तक्खणे तं सङ्गामु पराइउ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ दिवइँ राहवेण लक्खण-सर-हंसेंहिँ खुडिय। गयण-महासरहाँ सिर-कमलइँ महियले पडियइँ ॥९
[११] दिगु रणङ्गणु राहवचन्हें रमिउ वसन्तु णा. गोविन्दें ॥ १ ॥ कुण्डल-कडय-मउड-फल-दरिसिय दण-दवणा-मञ्जरिय पदरिसिय ॥२ गिद्धावलि-किय-चक्कन्दोलउ णरवर-सिरइ लएप्पिणु केलउ ॥ ३ रण खेलन्ति परोप्पर चच्चरि पुणु पियन्ति सोणिय-कायम्वरि ॥ ४ . तेहउ समर-वसन्तु रमन्तउ लक्खणु पोमाइउ पहरन्तउ ॥ ५ 'साहु वच्छ पर तुज्झु जि छजइ अण्णहाँ कासु एउ पडिवज्जइ ॥६ ॥ पइँ इक्खाउ-वंसु उज्जालिउ जस-पडहउ तिहुअणे अप्फालिउ' ॥७ तं णिसुणेप्पिणु भणइ महाइउ 'विरुअउ कियउ देव जं आइउ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ मेल्लेवि जणय-सुय किं राहव थाणहाँ चलियउ । अक्खइ मज्झु मणु हिय जाणइ केण वि छलियउ' ॥९
[१२] पुणरवि वुच्चइ मरगय-वण्णे 'हउँ ण करेमि गाउ किउ अण्णें ॥१ तं णिसुणेवि णियत्तइ जाहिँ सीया-हरणु पटुक्किउ ताहिँ ॥२ 3 P सवाहड corrected as सवामउ, सहावउ. 4 A वामउं. 5 P S पंगुरत्तु. 6 P सवुण,
सउण. .11. 1 Ps रणंगणे. 2 A रमउं. 3 A दमणाहंजणिय. 4 PS A सिरइ. 5 P केलडं marginally corrected केरलं. 6 खेलंति.7 P पहरंतउं. 8 A इक्खुक्क. 9 PS महायता A माहाइउ. 10 s A आयउ. __12. 1 A reads the following line extra in the beginning:
तं णिसुगेवि पवुच्चइ रामें सीहणाउ पहं महु णामे. 2 PA पुणुरवि. 3 P णिअत्तिउ, s णियत्तिउं. [१०] १ नासिकायाः दक्षिण-नाडी-वातः. २ घुसरिका(?). [११] १ मदिरा.
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