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१३२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क०४, २-९,५, १-२०१६ 'जीविउ एक्कु सहलु पर एराहों जसु सुहवत्तणु गउ परिछेयहाँ ॥२ जेण समाणु एह धण जम्पइ मुह-मुहेण तम्बोलु समुप्पइ ॥ ३ . हत्थे हत्थ धरेंवि आलावइ चलण-जुअलु उच्छङ्गे चडावइ ॥४
जं आलिङ्गाइ वलय-सणाहहिँ मालइ-माला-कोमल-वाहहिँ ॥ ५ * जं पेल्लावइ-थण मायॉहिँ मुहु परिचुम्वइ णाणा-भङ्गेहि ॥ ६ ..
जं अवलोयइ णिम्मल-तारेंहिँ णयणहिँ विब्भम-भरिय-वियारहिं ॥७. जं अणुहुञ्जइ इच्छेवि णिय-मणे तासु मल्लु को संयले वि तिहुअणें ॥८
॥घत्ता ॥ धण्णउ एह णरु जसु एह णारि हियइच्छिय । जाव ण लइय मइँ कउ अंगहों ताव सुहच्छिय' ॥९
[५] सीय णिएवि जाउ उम्माहउ दहमुहु वम्मह-सर-पहराहउ ॥ १ पहिलऍ वयणु वियारेहिँ भजइ पेम्म-परबसु कहाँ वि ण लज्जइ ॥२ वीयऍ मुह-पासेउ वलग्गइ सरहसु गाढालिङ्गणु मग्गइ ॥३ "तइयऐं अइ विरहाणलु तप्पइ काम-गहिल्लउ पुणु पुणु जम्पइ ॥ ४
चंउथऍ णीससन्तुं णउ थक्कइ सिरु संचालइ भउहउ वङ्कइ ॥५ 'पञ्चम पञ्चम-झुणि आलावइ विहंसेवि दन्त-पन्ति दरिसावइ ॥ ६
छट्टएँ अङ्गु वलइ करु मोडइ पुणु दाढीयउ लएप्पिणु तोडइ । वट्टइ तलवेल सत्तमयों मुच्छउ एन्ति जन्ति अट्टमयहाँ॥८ सणवमउ वट्टई मरणों ढुक्कउ दसैमएँ पाणहिँ कह व ण मुक्कउ ॥९
॥ घत्ता ॥ दहमुहु 'दहमुहिँ जाणइ किर मण्ड' भुञ्जमि'। - अप्पउ संथवइ 'णं णं सुर-लोयहाँ लज्जमि' ॥ १०
[६] ॥ तो एत्थन्तर सुर-संतासें चिन्तिउ एक्कु उवाउ दसासें ॥१
4. 1 A सहलु एकु. 2 PS समाण. 3 A मुहु. 4 PS हत्थु. 5 A °सणाहेहिं. 6 A वाहेहिं. 7PS ईच्छिवि, A इच्छिवि. 8 PS सयलु, A सयल. 9 A धण्णउं. 10 s संगहो, A णयणहं.
5. 1A वयण. 2 A परितप्पइ. 3 PA चउत्थए, s चउथइ. 4 A णीसासंतु न. 5 Ps भउहउं, A भउंहउं. 6 PS विहसिवि, A वियसेवि. 7 PS तल्लुविल्लु, A ताल्लवेल्ल. 8 A णवमउं. 9 Ps फुडु मरणत्ते ढुक्कइ. 10 Ps दसमउं कहव ण पाणहं चुक्कइ.. 11 A चिंतइ, marginally, 'सीता' इति चिंतयति. 12 P अप्पउं. 13 A संठवइ. 14 s परलोयहो.. [४] १ समाप्तिम्.
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