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क० १३, १-१०,१४, १-९]
उज्झाकण्डं-पञ्चतीसमो संधि [११३
अण्णोण्णेण जेत्थु हक्कारिउ अण्णोणेण पहर-णिद्दारिउ ॥ १ अण्णोण्णेण दलेंवि दलवहिउ अण्णोण्णेण हणेंवि णिवंट्टिउ ॥२ अण्णोण्णेणं तिसूलें भिण्णउ अण्णोण्णेण दिसावलि दिण्णउ ॥ ३ अण्णोण्णेण कडाहें पमेलिउ अण्णोण्णेण हुआसणे पेल्लिङ ॥४ अण्णोणेण वईतरणिहें घत्तिउ अण्णोण्णेण धरेंवि णिजन्तिउ ॥ ५ अण्णोण्णेण सिलहु अप्फालिउ अण्णोण्णेण दुहाऍहिँ फालिउ ॥६ अण्णोण्णेण धरेंवि आवीलिउ अण्णोण्णेण वत्थु जिह पीलिउ ॥ ७ अण्णोण्णेण घरट्टएँ दलियर अण्णोण्णेण पयरु जिह मिलियउ ॥ ८ अण्णोण्णेण वि कूवें पमुक्कर अण्णोण्णेण धरेप्पिणु रुक्कर ॥ ९ ॥
॥ घत्ता ॥ अण्णोण्णेण पलोइउ रागें अण्णोण्णेण वियारिउ खग्गें। अण्णोण्णेण गिलिजइ जेत्थु दुण्णय-सामिणि पत्तिय तेत्थु ॥ १०
[१४] अण्णु वि कियउ जेण मन्तित्तणु घत्तिउ असिपत्तवणे अलक्खणु ॥ १ ॥ जहिं तं तिणु मि सिलीमुह-सरिसउ अण्णु वि अग्गि-वण्णु णिप्फरिसउ ॥२ जहिं तेलोह-रुक्ख कण्टाला असि-पत्तल असराल विसाला ॥ ३ दुग्गेम दुण्णिरिक्ख दुल्ललिया णाणाविह-पहरण-फल-भरिया ॥ ४ जहिं णिवडन्ति ताहँ फल-पत्तइँ तहिँ छिन्दन्ति णिरन्तर गत्तइँ ॥ ५ तं तेहउ वणु मुऍवि पर्णदुर पुणु व ईतरणिहें गम्पि पइट्टाउ ॥ ६ ॥ जहिं तं सलिलु वहई दुग्गन्धउ रस-बस-सोणिय-मंस-समिद्धउ ॥७ उहँउ खारु तोरु अइ विरसउ मण्ड पियाविउ पूय-विमिसँउ ॥८
॥ घत्ता ॥ इय संताव-दुक्ख-संतत्तउ खणे खणे उप्पजन्तु मरन्तउ । यिउ सत्तमऍ णरऍ मयवद्धणु मेइणि जाम मेरु गयणगणु ॥ ९ । ____13. 1 PS °णिद्धारिउ. 2 A omits this pada. 3 P णिचहिउ. •4 P A भिण्णउं. 5 A दिण्णउं. 6 P S A कडाहि. 7 Ps पिलिउ, A पेल्लिय. 8 8 A वइतरणिहि. 9 s omits this pada. 10 s A गिलेजइ.
14. 1 P दुइम. 2 A पणटुडं. 3 P इतरिणिहे, 5 वइतरणिहिं, A वइतरिण्णिहो. 4 A उण्हउं. 5 P A पियाविउं. 6 P A विमिस्स उ. 7 P मरंतउं. [१४] १ रूक्षः.
स. प. च. १५
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