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के० ३, ८–९, ४, १-९;५, १-८ ] "परमेसर केसरि - विकमेहिँ
वान्त मज्झ रिस - सी ह - किसोर
तं णिसुर्णेवि णरवइ गयउ तहि वोल्लाविय अहहॊ “अहहॊ मुणिवरहों परमप्पर अप्पर होवि' थिङ अइदुलहु लहेंवि मणुअत्तर्णंउ कहों के परम- मोक्ख-गमणु सच्छाइँ आयइँ अङ्गाइँ वित्थिष्णइँ आयइँ कडियलइँ errors aइँ जोब्बगइँ
सुपसिद्ध लोऍ तुम्हाण किले
तो मोख - रुक्ख-फल-वैद्धर्णेण "पइँ अप्प काइँ विडम्बियउ कहाँ घरु कहाँ पुत्त- कलत्ताइँ स- विमाणइँ जोणइँ जोगाई धण-धण्णइँ जीविय-जोबणइँ वइसण वसुन्धर वैज्जाइँ आयहिं वहिं वेयरियइँ सुवहिँ सहास पाडियइँ
(व)
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उज्जाणु लइन जइ पुङ्गवेंहिँ ॥ ८
॥ घत्ता
उज्झाकण्ड - तेत्तीसमी संधि [९५
[ ४ ]
उम्मग्गिम करेंवि । थियं वर्णे पसरेंवि” ॥ ९
आवासिउ महरिसि- संत्थु जहिँ ॥ १ अवुहहों अयाण- परमक्खरहों ॥ २ कज्जे के रिसि-वेसु किउ ॥ ३ के कंजें विणsहों अर्पण ॥ ४
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रिमाणि मणहरु तरुणियणु ॥ ५ सोलह - आहरणहँ जोग्गाइँ ॥ ६ हय-गय-रह-वाहण-पञ्चलैइँ ॥ ७ णिष्फलइँ गयइँ तुम्हहँ तणइँ ॥ ८
॥ घत्ता ॥
एक्कु वितरण कर । सयलु णिरत्थु गउ" ॥ ९
[५] महिपालु वुत्तु मइवद्धर्णेण ॥ १ अच्छहि सुह- दुक्ख- करम्वियउ ॥ २ धय-चिन्धइँ चामर-छत्ताइँ ॥ ३ रह-तुरय-महग्गय- दुग्गाइँ ॥ ४ जल - कील पाणइँ उबवणइँ ॥ ५
कवि होति सहेजाइँ ॥ ६ वम्भाणहँ लक्खइँ मारियइँ ॥ ७ चक्कaas - सयइँ णिद्धाडियइँ ॥ ८
9PS ठिय
4. 1 P संघु. 2 P s होइ. 3PA मणुभत्तणउं, s मणुयत्तणउ 42 किं कजइ, s किं किजइ, 4 के कज्जें. 5Ps अप्पण 6 P वरे.
5. 1 Ps मुक्ख', A मोक्खु. 2Ps वन्धणेग. 3 A अप्पउं. 4 Ps अच्छइ. 5P 8 पेमाइँ. 6 P s बहुहिं. 7 P s वंभाणहो. 8 P सुरवर इहि, $ सुरवरइ.
[४] १ परममूर्खः २ दमनक्रियायां समर्थः.
[५] १ डोलिका २ दुर्गाणि समूहानिन्च, ३ हीरा-रन. ४ छद्मितानि .
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