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क०२,१-११%B३,१
उज्झाकण्ड बत्तीसमो संधि [८७
ऍउँ दीसइ गिरिवर-सिहरु जेत्थु उवसग्गु भयङ्करु होइ तेत्थु ॥ १ वाओलि धूलि दुव्वाइ एइ पाहण पडन्ति महि थरहरेइ ॥ २ धर भमह समुठ्ठइ सीह-णाउ वरिसन्ति मेह णिवडइ णिहाउ ॥३ तें कजें पासइ सयलु लोउ में तुम्ह वि उहु उवसग्गु होउ ॥४ तं णिसुणेवि सीय मणे कम्पिय भीय-विसन्थुल एव पजम्पिय ॥ ५ 'अम्हहुँ देखें देसु भमंन्तहुँ कवणु पराहउ किर णासन्तहुँ' ॥६ तं णिसुणेवि भणइ दामोयरु . 'वोल्लिउ काइँ माएँ पइँ कायरु ॥७ 'विहि मि जाम करें अतुल-पयावइँ सायर-वज्जावत्तइँ चावइँ॥८ जाम विहि मि जय-लच्छि परिद्विय तोणीरहिं णाराय अहिद्विय ॥ ९ ताम माएँ तुहुँ कहाँ आसङ्कहि विहरु विहरु मा मुहु ओर्वकहि ॥ १०.
॥ घत्ता ॥ धीरेंवि जणय-सुय कोवण्ड-भुयं संचल्ल वे वि वल-केसव । सग्गहों अवयरिय सई-परियरिय इन्द-पडिन्द-सुरेस वे ॥११
[३] पहेन्तर भयङ्करो
झंसाल-छिण्ण-ककरो ॥१ वेलो व्व सिङ्ग-दीहरो
णियच्छिओ महीहरो ॥२ कहिं जें भीम-कन्दरो
झरन्त-णीरं-णिज्झरो ॥३ कहिं जि रत्तचन्दणो
तमाल-ताल-वन्दणो ॥४ कहिं जि दिट्ठ-छारया
लवन्त मस-मोरया ॥ ५ कहिं जि सीह-गण्डया
धुणन्त-पुच्छ-दण्डया ॥६ कहिं जि मत्त-णिब्भरा
गुलुग्गुलन्ति कुञ्जरा ॥७ कहिं जि दाढ-भासुरा
घुरुग्घुरन्ति सूयरा ॥८ कहिं जि पुच्छ-दीहरा
किलिकिलन्ति वाणरा ॥९ कहिं जि थोर-कन्धरा
परिब्भमन्ति सम्वरा ॥ १० कहिं जि तुङ्ग-अङ्गया
हयारि-तिखसिङ्गया ॥ ११ कहिं जि आणणुण्णया
कुरङ्ग वुण्ण-कण्णया ॥ १२ 2. 1 P S इउ. 2 P दुव्वारएहि, दुव्वारयेहिं. 3 P थरहरे हिं. 4 5 भवंतउ. 5 P उब. कहिं, 5 ओवंकहिं, 6 P °भुव.7 A ओयरिय. 8 P सई.9 5 वा.
3. 15 इहं', A एस्थं..2 PS °छिण्णु. 3 A संग: 4 5 तीर'. 5 P वलंत'. 6A दंडया. 7 A तुंगजीहया. 8 A तिक्खसीहया. 9 P S कुरंगु. [२] १ आवयोः, ३ व(भ ? )स्त्राभ्यां बाणाः. ३ अग्रे चल अग्रे चल. [३] १ सयरुवृत्त(?)पाषाणवन्तश्च. २ वृष इव. ३ पीपलः. ४ रक्षा, अथवा, 'मत्त-मयूरा छारया छायया रक्ता (?). ५ महिषाः.
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