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८६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० १६,२-९,३,१-९ करें धणुहरु लेइ ण लेइ जाम सकलत्तउ लक्खणु दिटु तान ॥२ सुरवइ व स-भज्जउ रहें णिविल अण्णेक्कु पासें अरिदमणु दिदु ॥ ३. सन्दणहों तरेप्पिणु दुण्णिवारु रामहों चलणेहिँ णिवडिउ कुमार ॥४ जियपउम स-विब्भम पउम-णयण पउमच्छि पफुल्लिय-परम-वयण ॥ ५ । पउमंहों पय-पउहिँ पडिय कण्ण तेण वि सु-पसस्थासीस दिए, ॥ ६
एत्थन्तर मामें ण किउ 'खेउ कणय-रह चडाविउ रामएउ ॥ ७ पडु पडह पहय किय-कलयलेहिँ उच्छाहिँ धवलहिँ मङ्गलेहिँ ॥८
॥ घत्ता ॥ रहें एक्के णिविदुइँणयरें पइट्टइँ सीय-वलइँ वलवन्ताई। " णारायणु णारि वि थियइँ चयारि वि रज्जु स ई भुञ्ज न्त ॥९
[३२. वत्तीसमो संधि] हलहर-चक्कहर परचक्क-हर जिणवर-सासणे अणुराइय । मुणि-उवसग्गु जहिँ विहरन्त तहि वंसत्थलु णयरु पराइय .
. [१] " ताम विसन्थुलु पाणकन्तउ दिट्ट असेसु वि जणु णासन्तउ ॥१
दुम्मणु दीण-वयणु विद्दाणउ गउ 'विच्छत्त व गलिय-विसाणउ ॥ २ पण्णय-णिवहु व फणिमणि-तोडिउ गिरि-णिवहु व वज्जासणि-फोडिउँ ॥३ पङ्कय-सण्डु व हिम-पवणाहउ उब्भड-वयणु समुन्भिय-वाहउ ॥ ४
जणवउ जं णासन्तु पदीसिउ राहवचन्दं पुणु मम्भीसिउ ॥५ 20 'थकहाँ मं भज्जहों मं भज्जहों अभउ अभउ भउ सयलु विवज्जों ॥६ ताम' दिट्ठ ओखण्डिय-माणउ णासन्तउ वंसत्थल-राणउ ॥ ७ । तेण वुत्तु में जयरें पईसहाँ तिणि मि पाण लएप्पिणु णासहों ॥८ ...... ॥घत्ता ॥ ... .
. ५. एत्तिउ एत्थु पुरै गिरिवर-सिहर जो उट्ठइ णाउ भयङ्करु। . 23. तेण महन्तु डरु णिवडन्ति तरु मन्दिरइँ जन्ति 'सय-सकर ॥९
1.1: 1 A विसंठुलु. 2 s A विदाणउं. 3 P गयु, S A गयु. 4 P विच्छडूयु, विच्छडुय. 5A विसाणउं. 6A होडिउ. '7 P ताव, s तावहि. 8 P A दिट्ट उखंडिय°, दिउ खंडियो.
Pमाणउं. 10 P राणडं. 11 5 लएविणु. 15 A omits thistada. . : [१६] १ विलम्बम्.
[१] १ म्लानः (reading विच्छ डूय ). २६हस्ती दंतरहितेव. ३ शब्दम्. ४ शतखण्डानि.
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