SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 123
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ [क०८,१-९,९,१०६ [८] तं णिसुणेवि गउ पडिहारु तेत्थु । सह-मण्डवें सो अरिंदमणु जेत्थु ॥१ पणवेप्पिणु वुच्चइ तेण राउ | 'परमेसर विण्णत्तिएँ पसाउ ॥२ भडु कालें चोइउ आउ इकु ण मुणहुँ किं अक्कु मियङ्क सछुः ॥३ किं कुसुमाउहु अतुलिय-पयाउ पर पञ्च वाण गउँ एक्कु चार ॥४ तहों णरहों णवल्ली भङ्गि का वि फिट्टइ ण लच्छि अङ्गहों कयावि॥ ५ सो चवइ एम जियपउम लेमि किं पञ्चहिँ दस सत्तिउ धरेमि' ॥६ तं णिसुणेवि पभणइ सत्तुदमणु 'पेक्खमि कोकहि वरइत्तु कवणु' ॥७ पडिहारें सद्दिउ आउ कण्हु जयलच्छि-पसाहिउ जुज्झ-तण्हु ॥ ८ ॥ धत्ता ।। अचुन्भड-वयणहिँ दीहर-णयणहिँ णरवइ-विन्दहिँ दुजएहिं । लक्खिज्जइ लक्खणु एन्तु स-लक्खणु जेम मइन्दु महागऍहिँ ॥६ [९] लखणु पासु पराइउ जं जे वुतु णिवेण हसेप्पिणु तं जे ॥१ 15 'को जियपउम लएवि समत्थु केण हुवासणे ढोइउ हत्थु ॥२ केण सिरेण पडिच्छिउ वजु केण कियन्तु विघाइउ अजु ॥ ३ केण णहङ्गणु छित्तु करग्नें केण सुरिन्दु परजिउ भोग्गें ॥ ४ केण वसुन्धरि दारिय पाएं केण पलोट्टिउ दिग्गउ घाएं ॥५ केण सुरेहहों भग्गु 'विसाणु केण तलप्पऍ पाडिउ भाणु ॥६ 20 लजिउ केण समुहु असेसु के फण-मण्डवें चूरिउ सेसु ॥७ केण पैहञ्जणु वद्य पंडेण मेरु-महागिरि टॉलिउ केण ॥ ८ ॥ घत्ता ।। जिह तुहुँ तिह अण्ण वि *णीसावण वि गरुयइँ गजिय वहुय णर । महु सत्ति-पहारॅहिँ . रणे दुबाहिँ किय संय-सकर दिट्ठ पर' ॥१ 8. 1s सहु. 2 PS अजु, A मयंकु किं अकु सम्वु किं कुसकु. 3 s °पसाउ. 4 s तउ. 5_PS A पभणइ. 6 A पेक्खहं. 7 A पइठु. 8 A णरवर'. 9. 1P सहेपिणु. 2 A विवाइउ. 3 A चूरिउ. 4 A omits tnis pada. 5 Pणीसा. वण्णेहिं, 5 णीसारण्णेहिं. 6 थिय गरुवह, s थिय णरवइ. 7 PS °सकस. [९] १ ऐरावतेः. २ दन्तम्. ३ धरणेन्द्रः. ४ वायुः. ५ वस्त्रेण, ६ शतखण्ड. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy