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क. ६,१-१०;७, १-१०] .
उज्झाकण्डं-एकतीसमो सोध [८१ कत्थइ कप्पदुम दिट्ट तेण णं 'पन्थिय स्थिय जयरासरण ॥३ कत्थइ मालइ कुसुमइँ खिवन्ति 'सीस व सुकइहें जसु विक्खिरन्ति ॥४ कत्थइ लक्खइ सरवर विचित्त अवगाहिय सीयल जिह सुमित्त ॥ ५ कत्थई गोरंसु सव्वहँ रसाहुँ णं णिग्गउ माणु हैरेवि ताहुँ॥६ कत्थई अखाह डज्झन्ति केम दुजण-दुव्वयणेहिँ सुयण जेम ॥७ । कत्थइ अरहट्ट भमन्ति केम संसारिय भव-संसारे जेम ॥८ णं धउ हक्कारइ 'एहि एहि भो" लक्खण लहुँ जियपउम लेहि ॥ ९
॥ धत्ता ॥ वारुब्भड-वयणें दीहिय-णयणे देउल-दाढा-भासुरण । णं गिलिउ जणदण असुर-विमहणु एंन्तर णयर-णिसायरेण ॥ १० ॥
[७] . पायार-भुऍहिँ पुरणाइँ तेण अवरुण्डिउ लक्खणु णाई तेण ॥ १ कत्थइ कुम्भा सहु णाडएहिँ णं णड णाणाविह णाडएहिँ ॥२ कत्थइ वंसारि समुद्ध-वंस णावइ सु-कुलीण विसुद्ध-वंस ॥ ३. कत्थइ धय-चड णच्चन्ति एम वैरि अम्हि सुरायर सग्गे जेम ॥ ४ . 15 कत्थइ लोहारहिँ लोहखण्डु पिट्टिजइ गरऍ व पावपिण्डु ॥५ तं हट्टमग्गु मेल्लॅवि कुमार णिविसेण पराइउ रायवार ॥६ पडिहारु वुत्तु 'कहि गम्पि एम वरु वुच्चइ आइउ एक्कु देव ॥७ जियपउमहें माण-मर-दलणु पर-वल-मसक्कु दरियारि-दमणु ॥८ रिउ-संघायहाँ संघीय-करणु सहुँ सत्तिहिं तुज्झु वि सत्ति-हरणु ॥ ९ ॥
॥ घत्ता ॥ (अह) किंवहएं जम्पिऍण "णिप्फल-चविऍण एम भणहि तं अरिदमण। दस-वीस ण पुच्छ सर्ड विपडिच्छइ पञ्चहँ सत्तिहिं को गहणु' ॥१०
4 This line up to णयरास' omitted in A. 58 ] पंथीयणमणरासयेण. 6A (जयरास)विण. 7 P मालिय, s माली. 8A करेवि. 9 P S A °वि. 10 s हो. 11 A तुहूं. 12 A णयण. ___7. 1A पुरेनाई. 2 A सहि. 3 A वरियम्हि. 4 Pणं णरु, s णं गर. 5 PS A परायउ. 6 A कहिं. 7 A °धसंकुं. १PS दलणु. 9 P °संघायहुं. 10 A संघार. 11 A बहुएण 12 A omits this pada. 13 A सइ मि.
[६] १ शिष्य इव. २ इञ्जवाटी. ३ वापिका. ४ आगच्छन्. [७] १ नगरव्यवहारकेन. २ घटाः. ३ नजाः, ४ उपरि वयम्. ५ चूरकः. ६ गर्वितार एव.
.स. प.च० ११.
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