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पासु
८०] सयम्भुकिउ पउमवरिउ रज्जेसंरु जो सव्वहँ वरिट्ठ सो पहु पहियाह मि मूलें दिदुः ॥ ३
णह-भासुरु जो लंङ्गल-दीहु सो मायङ्गेहि मि लइस सीहु ॥४ -- जो दुद्दम-दाणव-सिमिर-चूरु सो तिय-मुहयन्दहों तसइ सूरु ॥५
जं रायहँ तं छत्तह मि छित्तुं जं सुहडहँ तं कुंडह मि चित्तु ॥६ । तहाँ णयरहों थिउ अवरुत्तरेण उजाणु अद्ध-कोसन्वरेण ॥ ७,
णं अग्घ-विहत्थउ थिउ वलासु ॥८
॥ पत्ता ॥ तहिँ तेहऍ उववणे णव-तरुवर-घणे जहिँ अमरिन्दु रई करइ । तहिँ णिलउ करेप्पिणु वे वि थवेप्पिणु लक्खणु णयरें पईसरइ ॥९
[५] पइसन्तें पुर-वाहिर करालु भड-मडय-पुञ्ज दीसइ विसाहु ॥ १ ससि-सङ्ख-कुन्द-हिम-दुद्ध-धवलु हरहार-हंस-सरयन्भ-विमलु ॥२ तं पेक्खेंवि लह हरिसिय-मणेण गोवाल पपुच्छिय लक्खणेण ॥ ३ 'इउ दीसइ काइँ महा-पयण्डु णं णिम्मलु हिमगिरि-सिहर-खण्डु' ॥४ 15 तं णिसुणेवि गोवहिँ वुत्तु एम 'किं एह वत्त पइँण सुअ देव ॥५
अरिदमण-धीय जियपउम-णाम भड-थड-संघारणि जिह दुणाम ॥ ६ सा अज्ज वि अच्छइ वर-कुमारि पच्चक्ख णाई आइय कु-मारि ॥७ तहे कारण जो जो मरइ जोहु सो घिप्पइ तं हड्डइरि एहु ॥८
॥ घत्ता
॥
20 जो घई अवगणेवि तिण-समु मण्णवि पञ्च वि सत्तिउ धरइ णरु । पडिवक्ख-विमद्दणु णयणाणन्दणु सो पर होसइ ताहे वरु' ॥९
[६] तं वयणु सुणेप्पिणु दुण्णिवारु रोमश्चिउ खणे लक्षण-कुमार ॥१ 'वियड-प्पय-छोहेहिँ पुणु पयट्टु णं केसरि मयगल-मइय-वट्ट ॥२
4. 1 A रजेसहं. 2 P s गंगूल°. 3 A सो वि. 4 P S सच्छत्तह मि. 5A छत्तु. 6r सुहडम्मि, s सुहडह मि, A कुड्डहं मि. 7 S असुरेंदु. 8 A करइ रई.
5. 1 Ps पुरे. 2 A °संघारिणि. 3 PS . 4 PS अप्पउ. 5A तिणु जिह. 6. 1 PS खण लक्खणु. 2 This line omitted in An 3 P°मइअ', 8 °गहय. [४] १ मार्गानुजा( या )शिनां मध्येऽग्रजा(या)यी.' २ प्रहरण-विशेषः. ३ मा लक्ष्मीः , अङ्गैः गृहीतः. ४ वनं राजभिश्छात्रिश्च (?) स्पर्शति. ५ भूषितम्. ६ वायव्यकोणेन. ७ रामस्य. [५] १ डाकिनी. २ पृथिव्यां मृत्युः. ३ अस्थीनां पर्वतमेव.
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