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७२] सयम्भुकिउ पउमचरित
[क०-१०, १-५,99,9-९
[१०] तं वयणु सुणेप्पिणु थरहरन्तु धरणीधर धाइउ विप्फुरन्तु ॥ १ आरूढु महारहें दिण्णु सङ्घ सण्णद्ध कुद्ध जय-लच्छि-कह ॥ २
तो दुजय दुद्धर दुण्णिवार "हणु हणु' भणन्त णिग्गय कुमार ॥३ 5 वणमाल-कुसुम-कल्लाणमाल जयमाल-सुमाल-सुण्णमाल ॥४ गोपाल-पाल इय अट्ठ भाइ सहु राएं णव गह कुइय णाई॥५ एत्थन्तर रण वहु-मच्छरेण हक्कारिउ लक्खणु महिहरेण ॥ ६ 'वलु वल समरगणें देहि जुज्झु णिय-णामु गोत्तु कहें कवणु तुज्झु॥७ तं णिसुणेवि वोल्लिउ लच्छि-गेहुँ 'कुल-णामहाँ अवसरु कवणुं एहु ॥ ८
॥ पत्ता॥ पहरु पहरु जं पइँ गुणिउ किण्ण वि मुणिउ जसु भाइ महन्तउ रामु । रहुकुल-णन्दणु लच्छि-हरु "तउँ जीवहरु णरवइ महु लक्खणुणामु' ॥९
[११] कुलु णामु कहिउ जं सिरिहरेण धणु'घत्तेवि महिहें महीहरेण ॥ 15 सुरकरि-कर-सम-भुअ-पञ्जरेण अवरुण्डिउँ णेह-महाभरेण ॥ २
हवि सक्खिकरेंवि 'अपरायणासु, सइँ दिण्ण कण्ण णारायणासु॥३ . आरूढ़ महीहरु एक्क-रहें अट्ट वि कुमार अण्णेक-रहें ॥४ वणमाल स-लक्खण एक्क-रहे थिय स-वल सीय अण्णेक-रहें ॥ ५
पडु-पडह-सङ्ख-चद्धावणेहि णचन्तहिँ खुजय वामणेहि ॥६ 20 उच्छाहेंहिँ धवलहिँ मङ्गलेहिँ कंसालेंहिँ ताहिँ मद्दलेहिँ ॥७ आणन्दें णयरें पइट्ठाइँ लीलएँ अत्थाणे वईट्ठाइँ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ सहुँ वणमालऍ महुमहणु परितुट्ठ-मणु जं वेइहे जन्तु पदीसिउ । लोऍहिँ मङ्गलु गन्तऍहिँ णचन्तऍहिँ जिणु जम्मणे जिह स इँभू सिउ॥९
___10. 1 Ps उडिउ. 2 5 ते. 3 P S भणंतु. 4 In s this and all the following names end is °उ. 5A सुणेवि पवोल्लिउ. 6 PS A °देहु. 7 P गुणिअउ, s गुणिउं. 8 missing in s. 9 P मुणिउं. 10 F S रहुकुले. 11 missing in P. 12 s तव. 13 P महुं.
11. 1 A वणु. 2 PS A घत्तिवि. 3 A महियलि महीहरेणे. 4 PS अवरुंडे वि.5 P कंसालहिं, SA कंसालि हिं.. 6 P ताल हिं, S A तालि हिं. 7 Ps णिशाई. 8 A वेइहिं हंतु.
9 P पदीसिउं. 10 P गायन्तएहि, s गायंतयहे. 11 जिं जिणु. : [१] १ परैरजेयस्य लक्ष्मणस्य. २ रामेण सह. .
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