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६६] सयम्भुकिउ पउमचरिउ -
[क०-१०,९,११,१-११,१२,५-६
॥ घत्ता ॥ दिड णरिन्दत्थाणु णहु जाणइ-मन्दाईणि-परिचड्डिङ' । णर-णक्खत्तहिँ परियरिउ हरि-चल-चन्द-दिवायर-मण्डिउ ॥ ९
[११] हरि अत्थाण-मांगें जं दिट्ठउ दियवरु पाण लएवि पणट्ठउ ॥१ ण? कुरङ्गु व वारणवारहों णजिणिन्दु व भव-संसारहों ॥२ ण मियड व अब्भपिसायहाँ ____णट्ठ दवग्गि व णीर-णिहायहों ॥ ३ णहु भुअङ्गु व गरुड-विहङ्गाहों ___णटु खरो व मत्त-मायङ्गहों ॥ ४
ण? अणङ्गु व सासय-गमणहों णट्ठ महाघणो व खर-पवणहों ॥ ५ " णडु महीहरो व सुर-कुलिसहों ___तुरङ्गमो व जम-महिरहों ६ 'तिह णासन्तु पदीसिउ दियवरु मम्भीसन्तु पधाइउ सिरिहरु ॥७ मण्ड धरेवि करेण करग्गएँ गम्पि घित्तु वलएवहाँ अग्गएँ ॥८ दुक्खु दुक्खु अप्पाणउ धीरेंवि सयलु महब्भउ मणे अवहेरेवि ॥ ९ दुद्दम-दाणविन्द-वल-मद्दहाँ पुणु आसीस दिण्ण वलहद्दों ॥ १०
॥ घत्ता ।। 'जेम समुदु महाजलॅण जेम जिणेसरु सुक्किय-कम्में । चन्द-कुन्द-जस-णिम्मलेण तिह तुहुँ वद्ध णराहिव धम्म' ॥ ११
[१२] तो एत्थन्तर पर-वल-मद्दणु कहकह-सहें हसिउ जणदणु ॥ १ 20 'भवणे पइट्ठ तुहारऍ जइयहुँ पइँ अवगणेवि घल्लिय तइयहुँ ॥२
एत्थु काले पुणु दियवर कीसा विणउ करवि पुणु दिण्ण असीसा' ॥३ तं णिसुणेवि भणइ 'वेयायरु 'अत्यहाँ को ण वि' करइ महायरु ॥४ जिह आणन्दु जणइ सीयालऍ तिह किण रुच्चइ रवि उण्हालऍ ॥५ काल-वसेण कालु वि सहेवउ एत्थु ण हरिसु विसाउ करेवउ ॥ ६ 9 P S A णरिंदु. 10 P S A °मंदायणि?. 11 P परिचडिउं, S परिचडिउ, A परिचडियड.
11. 1 P S तहिं. 2 A घित्तु गपि वलहद्दहो. 3 A अप्पाणउं.. 12. 1 missing in A. 2'PS भवण. 3 A दियवर. : PS A कीस, 5A विणलं. 6 P S A असीस. 7 Ps वि ण. 8 P S जणेइ सिया. 9s साउ. २ नमः. ३ गङ्गा.
११] १ हरेः. २ राहो.. [१२] १ बाह्मणः.
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