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________________ क० १२, १-९,१३,१-५] , उज्झाकण्डं-सत्तवीसमो संघि [५९ पुणु तावि तरेप्पिणुं णिग्गयइँ णं तिण्णि मि विझे-महागयइँ ॥१ वइदेहि पम्पिय हरिवलहाँ सुरवर-करि-कर-थिर-करयलहों ॥२ 'जलु कहि मि गवेसहाँ णिमलउ जं तिस-हरु हिम-संसि-सीयलउ ॥ ३ ते इच्छमि भविउ व जिण-वयणु णिहि णिद्धणु जञ्चन्धु 4 णयणु' ॥ ४ ॥ वलु धीरइ 'धीरी होहि धणे मं कायर मुहु करि मिगणयणें ॥ ५ थोवन्तर पुणु विहरन्तऍहिँ मल्हन्तेहिं पउ पउ देन्तऍहिँ ॥ ६ लक्खिजइ अरुणगामु पुरउ वय-वन्ध-विहूसिउ जिह मुंरउ ॥ ७ कप्पदुमो व चउद्दिसु सुहलु णट्टावउ व णाडय-कुसलु ॥ ८ ॥ घत्ता ॥ .तं अरुणगामु संपाइयइँ मुणिवर इव मोक्ख-तिसाइयइँ। सो णउ जणु जेण ण दिट्ठाइँ घर कविलेंहों गम्पि पइट्ठाइँ ॥९ [१३] णिज्झाइउ तं घर दियवरहों णं परम-थाणु थिरु जिणवरहों ॥१ णिरवेक्खु 'णिरक्खरु केवलउ णिम्माणु णिरञ्जणु णिम्मलउँ ॥२ 15 णिवत्थु णिरत्थु णिराहरणु 'णिद्धणु णिभत्तउ णिमहणु॥३ तहिँ तेहएँ भवणे पइट्ठाइँ छुडु छुडु जलु पिऍवि णिविट्ठाइँ ॥४ कुञ्जर इव गुहें आवासियइँ हरिणा इव वाहुत्तासियइँ ॥५ अच्छन्ति ताव तहिँ एक्कु खणु दिउ तावं पराइउ कुइय-मणु ॥ ६ 'मरु मरु णीसरु णीसरु' भणन्तु धूमद्धउ व धगधगधगन्तु ॥ ७ 20 भय-मीसणु कुरुडु सणिच्छरु व वहु उवविस विण्णउ विसहरु व ॥ ८ ॥ धत्ता ॥ 'किं कालु कियन्तु मित्तु वरिउ किं केसरि केसरग्गे धरिउ । को जम-मुह-कुहरहों णीसरिउ जो भवणे महारऍ पइसरि' ॥९ 12. 1 Ps विंझु महग्गयई. 2 Ps पजेपिउ, A पयंपिय. 3 P S णिम्मलउं. 4 PS सम.. 5s इच्छिउ. 6 s अ. 7 PS करि मुहु. 8 A जंतएहिं. 9 P S अरुणगाम. 10 A पुरउ. 11 A संपाइयउं. 12 PS मुणिवरई व. 13 P मोक्खु. 14 P कविलहुं. 13. 1 A णिज्झाइयउ. 2 A णिच्चलउ. 3 P S णिबभत्तउं. 4 s आवासियई. 5 P वाहें तासिआइ, S वाहें तासियाई. 6 ताम. 7 PS कुरुड. 8 PS सणिच्छरो. 9 PS विसहरो. 10 s काल. 11 Ps धरिड. 12 A केसरग्गि वरिउ. 13 P S भवणु. 14 s महारइ. [१२] १ अग्रे सवाटी चर्मवीं च. ३ देशसा... र्काभावश्च द्वाभ्यां त्यक्तम्. [१३] १ अक्षर-विनाश्याभ्यां सकम्. २ समीप-गृह-रहितं ज्ञानमयं च. ३ गौरवहीनम्. ४ अलिब्जर-पापाभ्यां त्यक्तम्. ५ धूलि-कर्माभ्यां त्यक्तम्. ६ धण-चापाभ्यां त्यक्तम्. ७ भक्ति भोजेन; व्यपेतं हीनम्.८ मन्थन-रहितम्. ९ अग्निवन. १० क्रूर. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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