________________
बृहत्कल्पसूत्र पंचम विभागनो विषयानुक्रम ।
३७
गाथा
-पत्र
५९५३-५६
१५७०-७१
५९५७-६४
१५७२-७३ १५७३-७४
५९६५-६८
५९६५
१५७३ १५७४
५९६६-६८
१५७४ १५७५
विषय स्थानायत, प्रतिमास्थित आदि पदोनी व्याख्या, तेने लगता दोषो अने निर्ग्रन्थीने योग्य स्थानासनो संयतीने स्थानायतादि स्थानासनोनो निषेध करवा विषयक शंका-समाधान
३१ आकुंचनपद सूत्र निर्मन्धीने आकुंचनपट्ट राखवो अने तेनो उपयोग करवो कल्पे नहि आकुंचनपट्टादिसूत्रोनो पूर्वसूत्र साथे संबंध
आकुंचनपट्ट सूत्रनी व्याख्या निर्ग्रन्थीने आकुंचनपट्ट राखवाथी लागता दोषो, तेने । लगती यतना अने अपवाद ३२ सावश्रय आसनसूत्र अने व्याख्या निर्ग्रन्थीओने सावश्रय आसन उपर बेसवु सुq कल्पे नहि
३३ सविषाण पीठफलक सूत्र निम्रन्थीओने सविषाण पीठफलक उपर बेसबुं सुबुं वगेरे कल्पे नहि
सविषाण पीठफलक सूत्रनी व्याख्या निम्रन्थीओने सविषाण पीठफलकने आश्री लागता दोषो
३४ सवृन्तालाबु सूत्र अने व्याख्या निम्रन्थीओने नालयुक्त अलाबुपात्र राखवू वगेरे कल्पे नहि
३५ सवृन्तपात्रकेसरिका सूत्र निर्ग्रन्थीओए दण्डयुक्त पात्रकेसरिका न राखवी
३६ दारुदण्डक सूत्र अने व्याख्या निर्ग्रन्थीओने दारुदण्डक एटले पादप्रोन्छनक राखq कल्पे नहि
१५७५-७६
१५७५
५९६९-७२
१५७६ १५७६-७७
५९७३
५९७४
१५७७
५९७५
१५७७-७८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org