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________________ ३८ गाथा पत्र ५९७६-९६ ५९७६ बृहत्कल्पसूत्र पंचम विभागनो विषयानुक्रम । विषय मोकप्रकृत सूत्र ३७ मोकप्रकृतनो पूर्वसूत्र साथे संबंध ३७ मोकसूत्रनी व्याख्या मोकसूत्रनी विस्तृत व्याख्या [गाथा ५९८७-८८ देवीनुं उदाहरण] १५७८-८३ १५७८ १५७८ १५७८-८३ ५९७७-९६ १५८३-९१ १५८३-८७ १५८३ १५८४ १५८४ १५८४-८५ ५९९७-६०३२ परिवासितप्रकृत सूत्र ३८-४० ५९९७-६०१२ ३८ परिवासित आहार सूत्र निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थीओने रात्रिमा राखी मूकेलो आहार कल्पे नहि ५९९७ परिवासितप्रकृतनो पूर्वसूत्र साथे सम्बन्ध परिवासित आहार सूत्रनी व्याख्या ५९९८ परिवासिताहारनुं स्वरूप ५९९९-६००४ अशनादि चार प्रकारना आहारतुं अने अनाहारनुं . खरूप ६००५-१२ परिवासित आहार अने अनाहार विषयक दोषोनुं वर्णन, अपवादादि . ६०१३-२४ ३९ आलेपन सूत्र निर्ग्रन्थ-निर्ग्रन्थीओने परिवासित आलेपनद्रव्यनो उपयोग करवो कल्पे नहि ६०१३-१४ आलेपनसूत्रनो पूर्वसूत्र साथे संबंध ___ आपलेनसूत्रनी व्याख्या ६०१५-१७ आलेपनसूत्र अने म्रक्षणसूत्रना पौर्वापर्य विषयक शंका-समाधान ६०१९-२४ आलेपनने परिवासित राखवावी लागता दोषो अने प्रायश्चित्त ६०२५-३३ ४० म्रक्षण सूत्र निम्रन्थ-निर्ग्रन्थीओने परिवासित तैल आदि वडे अभ्यंगन वगेरे करतुं न कल्पे १५८५-८७ १५८७-८९ १५८७ १५८७ १५८८ १५८८-८९ १५८९-९१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002514
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 05
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year2002
Total Pages340
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size19 MB
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