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________________ ३२ माथा ५६६५-६६ बृहत्कल्पसूत्र पंचम विभागनो विषयानुक्रम । विषय उपाश्रयविधिप्रकृतनो पूर्व सूत्र साथे संबंध ३४-३७ उपाश्रयविधिसूत्रोनी व्याख्या ऋतुबद्धकाळविषयक ३४-३५ उपाश्रयविधिसूत्रोनी विस्तृत व्याख्या, यतना, अपवाद आदि वर्षावासविषयक ३६-३७ उपाश्रयविधिसूत्रनी विस्तृत व्याख्या, यतना, अपवाद आदि १४९९ १४९९ ५६६७-७५ १५००-१ ५६७६-८१ १५०१-२ पंचम उद्देशक । १५०३-१३ १५०३-५ १५०५ १५०५-१२ १५०६-८ ५६८२-५७२५ ब्रह्मापायप्रकृत सूत्र १-४ ५६८२-८७ ब्रह्मापायप्रकृतनो पूर्व सूत्र साथे संबंध १-४ ब्रह्मापायसूत्रोनी व्याख्या ५६८८-५७२० १-२ निम्रन्थविषयक ब्रह्मापायसूत्रनो विषय अने विस्तृत व्याख्या ५६९१-९९ गच्छने विपे शास्त्रस्मरणने लगता व्याघातोनुं धर्म कथा, महर्द्धिक, आवश्यकी, नैपेधिकी, आलोचना, वादि, प्राघुणक, महाजन, ग्लान आदि द्वारोवडे निरूपण ५७००-१२ गुरुनी आज्ञा सिवाय शास्त्रस्मरण निमित्ते जुदा जनारने लागता दोपोनुं देवताकृत उपसर्गद्वारा निरूपण अने तद्विषयक छ भंगो ५७१३-२० गच्छवासना गुणोनुं वर्णन ५७२१-२५ ३-४ निम्रन्थीविषयक ब्रह्मापायसूत्रोनुं व्याख्यान ५७२६-८३ अधिकरणप्रकृत सूत्र ५ भिक्षु क्लेशने उपशमाव्या सिवाय अन्य गणने आश्रीने रही न शके ५७२६ अधिकरणप्रकृतनो पूर्वसूत्र साथे संबंध अधिकरणसूत्रनी व्याख्या ५७२७-४९ [जुओ तृतीय विभागनो गाथा २६८२ थी २७१७ सुभीनो विषयानुक्रम पत्र ३०-३१] १५०८-१० १५१०-१२ १५१२-१३ १५१३-२३ । १५१३ १५१३ १५१४-१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002514
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 05
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year2002
Total Pages340
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size19 MB
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