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२८
बृहत्कल्पसूत्र पंचम विभागनो विषयानुक्रम ।
माथा
१४५८-५९
१४५९
१४५९ १४६०
१४६०-६१
१४६१-६२
१४६२-६३
विषय ५४९७-९८ विष्वग्भवनप्रकृतनो पूर्वप्रकृत साथै सम्बन्ध
_ विष्वग्भवनसूत्रनी व्याख्या ५४९९-५५०२ विश्वम्भवनसूत्रनी विस्तृत व्याख्यानो उपक्रम अने
तद्विषयक द्वारगाथाओ ५५०३-४ १ प्रत्युपेक्षणाद्वार
कालधर्मगत भिक्षु आदिना शबना परिष्ठापनने
योग्य स्थण्डिलभूमीनुं निरीक्षण ५५०५-९ २ दिग्द्वार
कालधर्मगत साधुना शवना परिष्ठापनने योग्य दिशा
अने तेने लगता उपघातो, स्वरूप ५५१०-१३ ३ णन्तकद्वार
कालधर्मगत भिक्षुने योग्य वस्त्रोनुं प्रमाण अने संख्या ५५१४-१७ ४ दिवा रात्रौ वा कालगतः' द्वार
कालधर्म पामेल साधुने गीतार्थ साधु आदि वोस
रावे अने योग्य विधि करे पण शोक न करे ५५१८-२६ ५ जागरण-बन्धन-छेदनद्वार
कोई कारण प्रसंगे दिवसे के रात्रिमा साधुना मृत देहने राखी मूकवू पडे तेने अंगे जागवानो, बन्धननो अने छेदननो विधि ६ कुशप्रतिमाद्वार साधु कालधर्म पामे ते वखतना नक्षत्रने आश्री
डाभनां पुतळां वनाववानो विधि ५५२८-२९ ७ निवर्त्तनद्वार
कालधर्मगत साधुना झवने भूलथी आगळ लइ गया पछी पार्छ स्थंडिलभूमीमां लाववानो विधि ८ मात्रकद्वार कालधर्मगत साधुना देहने परठव्या पछी आचम
नादिने लगतो विधि ५५३२ ९ शीर्पद्वार
कालगत भिक्षुना मस्तकने राखवानी दिशा
१४६३-६४
१४६४
१४६५
१४६५
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