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लिखित प्रतिओनो परिचय |
३०० ऊपर सही ॥ यादृशं पुस्तके दृष्ट्वा तादृशं लिखितं मया । यदि शुद्धमशुद्धं वा मम दोषो न दीयते ॥ १ ॥ नगरमध्ये शास्त्र लिखितोयं ॥ श्री ॥ ॥"
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आ उल्लेखमां ज्यां मींडां मूक्यां छे ते अक्षरोने प्रतिना उठाउगीर कोई शयताने भूसी नाख्या छे । आमां संवतना पाछळना बे आंकडाओ, लखावनार आदिनां नामो अने जे नगरमा प्रति लखाई तेनुं नाम आदि भूसी नाखवामां आव्युं छे । संवतना प्रारंभना आंकडाओ कायम राख्या छे ते जोतां प्रति सत्तरमी सदीमां लखायेली छे ए वात स्पष्ट छे । प्रति भाभाना पाडाना भंडारनी होवाथी अमे एनी भा० संज्ञा राखी छे । आ प्रति अमे भंडारना वहीवट कर्त्ता शेठ उत्तमचंद नागरदास द्वारा मेळवी छे ।
२ त० प्रति - आ प्रति पाटणना फोफलीयावाडानी आगली सेरीमा रहेल तपागच्छीय भंडारनी छे । आ प्रतिनां पानां २२१ छे, पानानी पुठीदीठ सत्तर सत्तर पंक्तिओ छे अने पंक्तिदीठ ७० थी ७५ अक्षरो छे । प्रतिनी लंबाई सवा तेर इंचनी छे अने पोळाई पांच इंचनी छे । प्रतिना अंतमां तेना लेखनसमय आदिने सूचवतो कशो य उल्लेख नथी, तेम छतां प्रत जोतां ते सोळमी सदीमां लखाई होय तेम लागे छे । प्रति तद्दन सारामां सारी स्थितिमां छे; मात्र तेनुं छेलं पानुं कोई खराब शाहीथी लखायेल प्रतिना संसर्गने ली जीर्ण जेवुं थई गयुं छे । प्रति तपागच्छीय भंडारनी होवाथी तेनी संज्ञा अमे त० राखी छे । आ प्रतिनो उपयोग अमे मुद्रित पुस्तकना ८९ मा पानाथी कर्यो छे । आ प्रति अमने भंडारना वहीवटदार शेठ मलुकचंद दोलाचंद द्वारा मळी छे । ३ डे० प्रति- - प्रति अमदावादमांना डेलाना भंडारनी छे । आ वीजी प्रतिओनी जेम प्रथमखंडरूप नथी पण आखा ग्रन्थनी सलंग लखायेल प्रति छे । तेनां ६०० पानां छे, पानानी पुठीदीठ पंदर पंदर पंक्तिओ छे अने पंक्तिदीठ ७५ थी ८० अक्षरो छे । प्रतिनी लंबाई १३ इंचनी छे अने पहोळाई ४ || इंचनी छे । प्रतिना अंतमां लेखन समयादिने लगतो कशो उल्लेख छे के नहि ए अमे अत्यारे कही शकता नथी; कारण के आ प्रति अमारा पासे अर्धी आवी छे । प्रति अनुमान सोळमी शताब्दीमां लखायेली होय तेम लागे छे अने सारामां सारी स्थितिमां विद्यमान छे । प्रति डेलाना भंडारी होवाथी अमे एने डे० नामधी ओळखावी छे । आ प्रति अमे भंडारना कारभारी शेठ भोगीलाल ताराचन्द पासेथी मेळवी छे ।
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४ मो० प्रति — आ प्रति पाटणना सागरगच्छना उपाश्रयमां मूकेल शेठ मोंका मोदीना भंडारनी छे । एनां पानां २४२ छे, दरेक पानानी पुठीदीठ सत्तर सत्तर पंक्तिओ छे अने पंक्तिदीठ ६६ थी ७० अक्षरो छे । प्रतिनी लंबाई १३ ||| इंचनी अने पहोळाई ५ इंचनी छे । प्रतिना पहेला पानामां "आचार्य व्याख्यान करे छे अने तेने साधु साध्वी श्रावक श्राविकारूप चतुर्विध संघ सांभळे छे” ए भावने दर्शावतुं एक सुंदर चित्र छे । चित्रमां लाल लीला धोळा अने आसमानी रंगनो उपयोग करवामां
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