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ऋषिभाषित का दार्शनिक अध्ययन
उपरोक्त आधार पर यह तो स्पष्ट है कि प्रस्तुत सातिपुत्र बौद्ध सारिपुत्र है, जो कि बुद्ध के मध्यम मार्ग में समर्थक हैं। ३९. संजय
___ऋषिभाषित के उनतालीसवें अध्ययन में 'संजय' अर्हत् ऋषि के उपदेश संकलित हैं। उत्तराध्ययन में 'संजय' के नाम से एक पृथक अध्ययन भी है।१७४ जैन परंपरा में संजय नाम के अनेक व्यक्तियों के उल्लेख उपलब्ध होते हैं, किन्तु ऋषिभाषित के संजय से उनका संबंध स्थापित करना कठिन है। परंतु उत्तराध्ययन के संजय और ऋषिभाषित के संजय में एकरूपता स्पष्टतः प्रतीत होती है। उत्तराध्ययन के कथानुसार वे कम्पिलपुर के राजा हैं और जंगल में मृग का शिकार करते हैं। किन्तु यह ऋषिमृग है, इस भय से वे ध्यानस्थ गर्द्रभिल्ल नामक आचार्य से क्षमायाचना करते हैं कि कहीं मुनि शाप न दें। साथ ही वे उनके उपदेश से प्रभावित होकर शिष्य बन जाते हैं। ऋषिभाषित की गाथा से भी यही भाव स्पष्ट होते हैं, जिसमें वे कहते हैं कि मुझे स्वादिष्ट भोजन से कोई प्रयोजन नहीं, जिसके कारण संजय को जंगल में मृग का वध करना पड़ता है।१७५
जहाँ तक बौद्ध परंपरा का प्रश्न है उसमें संजय नामक सात व्यक्तियों का उल्लेख हुआ है।१७६ बौद्ध परंपरा में सारिपुत्र के पूर्व गुरु और संजय वेलट्ठीकेपुत्त थे, जो कि संजय के नाम से प्रसिद्ध थे। अब केवल विचारणीय तथ्य यह है कि क्या संजय वेलट्ठीपुत्र ही ऋषिभाषित के संजय हैं।
__प्रस्तुत अध्याय के संजय महावीर के समकालीन है और सारिपुत्र के पूर्व गुरु 'संजय' भी महावीर कालीन हैं। इस दृष्टि से प्रस्तुत अध्याय के प्रवक्ता संजय और सारिपुत्र के गुरु संजय एक ही व्यक्ति होने चाहिये। वैदिक परंपरा में महाभारत की नामानुक्रमणिका में धृतराष्ट्र के मंत्री संजय का उल्लेख उपलब्ध होता है।१७७ किन्तु इनकी प्रस्तुत संजय से एकरूपता सिद्ध करना कठिन है।
ऋषिभाषित में वर्णित संजय का उपदेश मुख्य रूप से पाप नहीं करने का निर्देश देता है। इसी अध्याय में यह भी कहा गया है कि यदि पापावरण हो भी जाय तो उसकी आलोचना करें।१७८
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174. उत्तराध्ययन 18/ 175. णवि अस्थि रसेहिं भद्दएहिं संवासेण य भद्दएण य।
जत्थ मिए काण्णोसिते, उवणामेति वहाए संजए।। 176. Dictionary of pali proper Names, Vol.II, P.998-1000 177. महाभारत नामानुक्रमणिका, पृ. 364-365 178. सिया पावं सई कुज्जा; तणकुज्जा पुणो पुणो।
णाणि कम्मं च णं कुष्जा, साधु कम्मं वियाणिया।। Jain Education International
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-'इसिभासियाई' 39/3
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