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डॉ. साध्वी प्रमोदकुमारीजी .. आगे इसी अध्याय में सूर्योदय के पश्चात् ही गमन करने की बात कही गई है। जैन परंपरा में इन विचारों की पुष्टि दशाश्रुतस्कन्ध और दशवैकालिक से भी होती
३८. सारिपुत्त (सातिपुत्त)
ऋषिभाषित के अडतीसवें अध्ययन में अर्हत् बुद्ध उपदेश संकलित हैं। जैन परंपरा में इनका उल्लेख ऋषिभाषित में प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त चम्पा निवासी एक ब्राह्मण का नाम भी साइदत्त कहा गया है और यह भी माना गया है कि महावीर ने उनकी शाला में चातुर्मास किया था। परंतु इनका संबंध ऋषिभाषित के सातिपुत्र से जोड़ना मुश्किल है अपितु इनका संबंध बुद्ध परंपरा के सारिपुत्र से अधिक निकटस्थ का है। डॉ. सागरमल जैन के अनुसार ये बुद्ध परंपरा के सारिपुत्र ही ऋषिभाषित के सातिपुत्र हैं।१७०
बौद्ध परंपरा में सारिपुत्र का विस्तृत उल्लेख प्राप्त होता है। इस परंपरा में सारिपुत्र की गणना बुद्ध के अग्रणी श्रावकों में हुई हैं। इनका उल्लेख नालक ग्राम निवासी ब्राह्मण वगन्त पुत्र के रूप में हुआ है। बुद्ध इन्हें महाप्रज्ञावान और धर्म-सेनापति के रूप में संबोधित करते थे।१७१ ।।
ऋषिभाषित में सारिपुत्र के उपदेश का मुख्य प्रतिपाद्य आत्यान्तिक सुख को उपलब्ध करना है। उनके अनुसार जिस सुख से सुख की प्राप्ति हो वस्तुतः वही आत्यातिक सुख है।१७२ उसमें यह भी कहा गया है कि मनोज्ञ भोजन और मनोज्ञ शययासन का उपभोग कर भिक्षु समाधिपूर्वक ध्यान करता है और इसके विपरीत अमनोज्ञ या अरुचिकर भोजन अरुचिकर शय्यासन का उपभोग कर भिक्षु दुःखपूर्वक ध्यान करता है।१७३
उपर्युक्त भावों से ऐसा लगता है कि सारिपुत्र को उस युग में प्रचलित देह-दण्डन की अवधारणा का विरोध करते हैं। इसीलिए उन्होंने मनोज्ञ और रुचिकर भोजन से समाधिपूर्वक ध्यान की बात कही है। इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि उन्होंने त्याग-मार्ग की उपेक्षा और भोग मार्ग की पुष्टि की है। संक्षेप में कहना चाहें तो यही कहेंगे कि उनकी दृष्टि में बाह्य साधन की अपेक्षा आंतरिक चित्तवृत्ति का अधिक महत्त्व है, जो कि बौद्ध दर्शन का केंद्र और मध्यम मार्ग का प्रतीक है। 169. (अ) दशाश्रुतस्कन्ध 5/6-8
(ब) दशवैकालिक 8/28 170. 'ऋषिभाषित' की भूमिका (डॉ. सागरमल जैन) 171. पालि प्रापर नेम्स, खण्ड 2, पृ. 1108-18 172. जं सुहेण सुहं लद्धं, उच्चन्तसुखमेव तं। जं सुखेण दुहं लद्धं, मा मे तेण समागमो।।
-- 'इसिभासियाई 38/1 173. वही, 38/2,3 Jain Education International For Private & Personal Use Only
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