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________________ २४ लघी० न्यायवि प्रमाणसंग्रहान्तर्गतानाम् ७८. २३. २. एकलेक्षणानुपलक्षण १०४. १५. | कर्मक्षयोपशमापेक्षिणी एकवस्तुभावसम्बन्धविवेक १२४. ३. कर्मनिर्मुक्ति एकविवक्षा २३. २६. कर्मपटलाच्छता एकस्थूलनिर्भासविरोध ११. २८. कर्मफलसम्बन्ध एकाकारविवेक ७३.४. कर्मावरणचित्रात्मन् १२१ एकात्मकत्वप्रतिषेध ११३. २५. कर्मविद्धात्मविज्ञप्ति एकार्थकारित्व ६७. १७. कश्लेिष एकार्थनियम . १२४. ९. करणशक्त्यनुविधान एकार्थरूप ७२. २०. करणाकरणविरोध ११०.२२ एकार्थविषयतोपपत्ति ८. २२. करणातीत ५२. ११, ९९.१४ एकार्थोपनिबद्धदृष्टि १०९. २६. करणसन्निपातोपनीतश्रावणस्वभाव ११८. २७ एकानेक ४५. ६; ५०. १०, ११४. २. करणमनसी १९. २६ एकानेकस्वभावनियम ९९. २६. करणादिवत् .१८.२४ एकान्त ४. २, १८; १६. १७, २१.२१,२५. १३; करुणा १.८; ८२. २१; १२०.१४; १२२. । ४२. ९; ५७.८; १२६. ७. करुणावत्त्व ८३. ८; ८९.२२ एकान्तक्षायिक करोति क्रियते १५. ९; २४. २५ एकान्तवादिन् १७.१४. कलशादि एकान्तविषय २१. २६ कलिबल २९. १० एकान्तानुरोधिनी ७३. ८. कल्पना ९. १; ४२. २८; ६३. १४; १२६. २०, एकान्तानेकान्तविच्छेदपरिच्छेद १०६. १७. कल्पनागौरव १०८.८. एकान्ताश्रय ११०.२९. कल्पनागौरवपरिहार ११०.१७. एकान्वयानुग २२. २५. कल्पनापोढ ४१. २५. एकान्वयात्मक कष्ट . १२०. २७. एकांशमात्रानुषंग १०३.१२. काक ४६. १४; १०७. १८. एकैकप्रतिपत्ति ७३. ४. काचाद्यपहतेन्द्रिय २०. २. एवम्भूत १५.११, २४. २७. कादाचित्कसंवाद १०६.१५. एकोपलम्भनियम १०९. ३०. का पि ली य प्र मे य ९३. २४. एकोपाधिप्रतिपत्ति १०८.१०. काय ६०. १५, ६३. २; १०४. २७. एतस्मात्पूर्वपश्चिममुत्तरं दक्षिणं ७.१८. कायविज्ञप्तिवत् ११६. १०. अंजसा २९.१४,४०.२९:४९.९,८४.१३,९२. १७. कायादिप्रवृत्तश्रोतस् १२७. ११. अंश ४४. २४,४८. २३. कायापाय ६२. १०. अंशग्रहविवेक कार्य ५. १७, २१; १२. ८, २७, ४३. २५; १०५. अंशी ४४. २४, ६७. २१. ४; १२४. २६; अंशुपातानुमादृष्टि ४४. १८. कार्यकारण ६. २०; १२. ९,१९. ६; ६२. १२; क ण च र स म य ९३. २४. १०४. २९; १०८. २९, ३१; ११२. २३; ११५. कर्तकर्मस्वभाववत् २०. १९. कर्तृत्वायोग १५. १२; २४. २७. | कार्यकारणता ७३. २६. कर्तृफलकर्मसु १८. २२. | कार्यकारणत्वनियम १५. २०. कर्ता २३. २२, ६०. ३. कार्यकारणभाव १२. ७; १२४. १५. कर्तुरस्मरणादयः १०९. ७. कार्यकारणलक्षण १२. ४. कादि २२. ५. कार्यकारणसन्तानसमुदायविकल्प १२६. १४. कथञ्चितक्षणिक १२. ५. कार्यकालमप्राप्य २०.८. कर्थाञ्चच्चेतनात्मक ८४.१७. कार्यकालानतिक्रम १२. २८. कञ्चिदभिलापसंसर्गयोग्यायोग्यविनि कार्यभेद १२. २६. सिकज्ञान कार्यविरुद्धोपलब्धि १०५. १९. कर्याञ्चदभेद २. २६; ११४. ३१. कार्यविशेषोपलक्षितार्थशक्तिभेद १२४. २५. काञ्चभ्रान्ति १०६. २४. | कार्यव्यतिरेकोपलक्षण १२.१९. कपिला दि १२७. १७. कार्यव्यतिरेकोपलक्षिता ६. २१. कर्म ६०.३;८४.२३,२७,८०.२२,२४,८९.२,१००. कार्यव्यभिचार १६,२३,११९.२६;१२२.७, १२७. ११. | कार्यसत्तानिवर्तक ६२. २२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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