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________________ लाक्षणिक-दार्शनिकनामसूचिः इष्ट इन्द्रियाध्यक्ष २९. २०. उपादान ४७. २३, २६; ८६. २७. इन्द्रियानिन्द्रियनिमित्तत्व २८. १२. | उपादानप्रक्लप्ति १०५. ७. इन्द्रियानिन्द्रियप्रत्यक्ष उपादानादि ९९. २१. इयतो व्यापारान् ५. ९. । उपाधि ५५. १०,१३, १४, २१, १०८. ९. १०८. १७; ११४. १२; १२१. २५. उपालम्भ ९०. १९. इष्टतत्त्व ९३. २२. उपेक्षण ९३. १८. इष्टविघातकृत् १०८. ३; ११४. ११. उपेय २४. ४. इष्टसाधन ५३. २२. उभय ९०. ६. इष्टसिद्धि ५३. २३. उभयत्र व्यभिचार २२. १९. ईक्षणिकादि ९२. ११; ९९.९. उभयदोषप्रसंग ११३. २८; ११४. ३; १२५. २९. ईश्वरज्ञानसंग्रह ५२.८. उभयपक्षोक्तदोषारेकानवस्थिति ८०.९. २. २०, २५. उभयपरिणाम ११८. २२. ईहाधारणा उभयव्यवसाय ९८. १४. ईहितविशेषनिर्णय २. २६. उभयात्मक उक्तविघातकृत ११९. ४. उभयानुभयविकल्प ११०. १६; ११२. २. उच्छेद ८३.३. उभयाभाव ११४. ५. उत्तरपरिणाम २. २५. उभयोक्तिवत् ९०. १९. उत्तरोत्तरदेह ६२.१६. उभयोपयोगलक्षण ९८. २१. उत्पाद ११३. ४. | उभयोपलब्धि १४. ६. उत्पादविगमक्रियाभाव १०३. १२. ८०. ७. उत्पादविगमध्रौव्यद्रव्यपर्यायसंग्रह ४६. २३. उपयोग २. २३. उत्पादविगमघ्रौव्यलक्षण १४. २०; २४. १०२११२. उपयोग २१.१४. १५; १२१. २४. उपाधिप्रतिषेध १०४.१४. उत्पादविगमध्रौव्यविरह १२५. २८. उपाय १८. ८, २५. २०; १२७. २, १३. उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्त ४. १७; १०. २५, ४५. ऊर्ध्वतादिवत् ११४. १. ११, ११२. १८. ऊहादि १०१. २२. उत्पादव्ययध्रौव्यादि ४५. ५. ऋजुसूत्र १४. २८; १२६. १३. उत्तरोदयाविशेष ११२. १६. ऋजुसूत्रनय २४. १५. उत्पत्तिसंहार ११२. १७. ऋष भा दि म हा वी र १. ४. उदय ११३. १०. एककारणप्रत्यनीकनियम १२१. ५. उदयस्थितिसंहारलक्षण १०३. ३, ११२. ३०. एकज्ञान ४५. २७. उदयस्थितिसंहारविरह ११५. १२. एकतानत्व ११७. १९. उन्मार्ग ८२. २४. एकत्रनिर्णय ३०. ५,९९. ४. उन्मीलनादि ६४. १३. एकत्रानेक ४८.२७. उपकारक २०. १३. एकत्व २३. ३, ६,११२. २७. उपकारापकारसंकल्पहेतू १२०. १८. । एकत्वनिबन्धन ५८. २५. उपकार्योपकारकसन्निधान १२०. २७. एकत्वानेकत्व १२४. २३. उपचार ६१. ९,२०% ७०. ७, ९८. १२. एकदेशेन वर्तेत १३. १६; १००. २७. उपनयादिसम १११. २३. | एकमिन् २३. २०. उपमान ७. ६, १५, ९२. २७. एकप्रत्यवमर्शव्यवस्था ११२. २७. उपभोग ११९. ८. एकमनेकत्र वर्तमानं १३. १५; १००. १५. उपयोगवान् ५९. २९. एकमनेकरूपं १५. २, २४. १८. उपरम ४३. २५. एकमनेकाकारं उपलक्षितसुखादिविज्ञानस्वलक्षणक्षणक्षयादिविशेषानुप | एकयोगक्षेम ११४. ३१; ११८. ३०. लक्षण १०६.३. एकरागादि ४१.२७. उपलब्धि ७६.१ १०४.१९, १०५.३०.. एकरूप ६१. १०; ८६. ३०. उपलब्ध्यनुपलब्धी ९१. २४. एकलक्षण ६९. २७. उपलम्भात्मकत्व ११०. ४. एकलक्षणविद्विष् ७७. २, १२. उपलम्भानुपलम्भयोग्य १०२. २८. एकलक्षणसिद्धि ५. १७. उपहसन ९३. २६. । एकलक्षणहानि ७६. १५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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