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सर्वसुखसुलभ बनाने का यथेष्ट प्रयत्न किया और उसमें यथेच्छ सफल हुआ । इस युग के इतिहास का यथार्थ चित्रण हमारे लिए बहुत प्रेरणादायक और गौरवप्रदर्शन है । पर इस इतिहास के आलेखन का कार्य मेरे लिए अब शक्य नहीं मालूम देता। मेरी मन:कामना है कि हमारी सम्पादित एवं प्रकाशित इस सामग्री का उपयोग कर. कोई अधिक सुयोग्य विद्वान् ऐसा सुन्दर इतिहास लिख कर इस लक्ष्य की परिपूर्ति करे । अनेकान्तविहार
- मुनि जिनविजय अहमदाबाद १-१-१९५६
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