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जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत है....
यहाँ कहाँ जा रहे हो?
रात्निक के साथ उद्दंडतापूर्वक बोलना।
अरे अब तो मेरे पास
आ जाओ। मैं तुम्हें इनसे अच्छी कथा सुनाता हूँ।
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...के बीच में ।।
चुपचाप पीछे-पीछे आ जाओ।
धर्मकथा करते समय गुरु के बीच में बोलना। धर्मकथा करते समय रानिक को टोकना।
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बार-बार परिषद भेदने का प्रयास करे।
रानिक की शय्या-संस्तारक को पैर से ठुकराना।
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तेतीस आशातना - 3
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चलो उठो, कथा समाप्त हो गई।
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बस करो, बहुत हो गया।
शनिक की बात नहीं सुने ।
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भगवान महावीर.......
आगमकार ने बताया है........
रानिक की धर्मकथा की बीच में समाप्त कर देना।
रालिक से ऊँचे आसन पर बैठना।
मेरे पास आओ! मैं तुम्हें इनसे अच्छी कथा सुनाऊँगा।
शैक्ष रानिक की परिषद का भेदन करे।
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रात्निक की शय्या या आसन पर खड़े होना ।
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आर्य! मेरी माला कहाँ है।
वहाँ नीचे पड़ी है।
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रानिक को बैठे-बैठे ही जवाब देना ।